बीकानेर। अखिल भारतीय शुष्क क्षेत्र फल समन्वित अनुसंधान परियोजना के अंतर्गत , स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय स्थित खजूर अनुसंधान केंद्र पर आज दिनाँक 04 अगस्त को खजूर का प्रसंस्करण व मूल्य संवर्धन विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ विमला डुकवाल, डीन, सामुदायिक महाविद्यालय ने प्रशिक्षण का शुभारंभ करते हुए कहा कि खजुर के मूल्य संवर्धित उत्पादों की मांग बढ़ रही है तथा उत्पादन बढ़ने पर किसानों को इस विषय पर भी ध्यान देना होगा। समय के साथ-साथ खजूर का उत्पादन भी बढ़ रहा है, यदि प्रशिक्षणार्थी खजूर के मूल्य संवर्धित उत्पाद बनाए और बाजार के अनुरूप मार्केटिंग करते हुए उचित मूल्य पर बेचे तो ना केवल वर्ष भर आय प्राप्त की जा सकती है बल्कि स्थानीय आमजन को भी खजूर उत्पाद उपलब्ध कराये जा सकते है। मूल्य संवर्धन में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। प्रशिक्षण प्रभारी डॉ राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया की प्रशिक्षण के दौरान खजूर से अचार, शर्बत, लडू, छुहारे, जैम, आदि बनाए गए। प्रशिक्षण में कुल 30 प्रतिभागियों ने भाग लिया। डॉ नम्रता, डॉ प्रियंका, डॉ रूपम, अजय प्रताप व भागचंद ने प्रतिभागियों को प्रायोगिक प्रशिक्षण प्रदान किया।