बीकानेर. केन्द्रीय कारागार में बंद हार्डकोर बदमाश सलाखों के पीछे से ही जनप्रतिनिधियों, व्यापारियों आदि को धमका कर फिरौती मांगते हैं और गैंगों का संचालन भी कर रहे हैं। कई घटनाओं में यह तथ्य सामने आ चुका है, लेकिन इन पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। पहले जेलों में लगे जैमर जैसे इन बदमाशों की कारगुजारियों के चलते ÓजामÓ जैसे हो गए, क्योंकि बदमाशों ने इसका भी तोड़ निकाल लिया। अब जेल में चोरी-छिपे मोबाइल या अन्य आपत्तिजनक सामान जाने से रोकने के लिए बड़े जोर-शोर के साथ लगाया गया स्कैनर भी नाकाम साबित हो रहा है। गत सोमवार व मंगलवार को जेल में दो बंदियों से दो मोबाइल फोन बरामद होने से एक बार फिर जेल की सुरक्षा और निगरानी तंत्र पर सवाल खड़े हो गए हैं।

केस एक :बीकानेर केन्द्रीय कारागार की सुरक्षा में तैनात आरएसी जवान को 6 अप्रेल-2022 को जेल में वॉच टावर से मोबाइल गिराते पकड़ा गया। जवान ने पांच मोबाइल गिराए थे, जो जेल प्रशासन ने बरामद कर लिए। आरोपी जवान को निलंबित कर बीछवाल थाने में मामला दर्ज कराया गया।

केस दो :
बीकानेर जेल से सादुलशहर के एक व्यापारी को बंदी ने मोबाइल फोन पर धमकी दी। इस संबंध में जेल में बंद दो बंदियों के खिलाफ बीछवाल थाने में मामला दर्ज कराया गया। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि आरोपी दोनों बंदियों ने ही व्यापारी को फोन कर धमकी दी थी। गैंगवार से भी नहीं लिया सबकबीकानेर केन्द्रीय कारागार अतिसंवदेशनशील होने के बावजूद सुरक्षा व्यवस्था के मामले में लचर साबित हो रहा है। यहां 24 जुलाई- 2014 को कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह व दूसरे गुट के बीच गैंगवार हुई। इसमें आनंदपाल के साथी बलवीर बानूड़ा की गोली लगने से मौत हो गई थी, जबकि दूसरे गुट के जयप्रकाश सहारण व रामपाल जाट को ईंट-पत्थरों से पीट-पीट कर मार डाला गया। जेल से बंदियों के गवाहों को धमकाने, रंगदारी वसूली, क्रिकेट सट्टाएवं गिरोह चलाने के मामले तो सामने आते रहते हैं।

यह है सुरक्षा व्यवस्थाजेल में आने-जाने वाले सामान और बैरकों की तलाशी के लिए हैंडल मेटल डिटेक्टर, जमीन में छिपाई वस्तु को खोजने के लिए नॉन लीनियर जंक्शन डिटेक्टर हैं। जेल में चौकसी के लिए छह जगह फ्लड लाइटें और पांच वॉच टावर में बंदूकधारी जवान तैनात रहते हैं। जेल की चारदीवारी पर कांटेदार तारों में करंट प्रवाहित रहता है। हाल ही में स्केनर मशीन भी लगाई गई है।