बीकानेर. राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के वर्कशॉप में खड़ी खराब बसें तीन तरफा नुकसान पहुंचा रही हैं। बसों के न चलने से मौजूदा बसों पर यात्रियों का भार तो बढ़ ही रहा है, रोड और एडिशनल टैक्स भी बढ़ता जा रहा है। वहीं, बसें संचालित न होने से संविदा पर तैनात ड्राइवर और कंडक्टर को काम भी नहीं मिल पा रहा है। वर्कशॉप में खड़ी कई बसें ऐसी भी हैं, जिनमें मामूली खराबी है। राजस्थान पत्रिका की पड़ताल में सामने आया कि प्रदेश के अलग-अलग जिलों में 346 बसें वर्कशॉप में खड़ी हैं। इनमें से एक बस का टैक्स 26 हजार 250 रुपए हर माह बन रहा है। इस हिसाब से प्रदेश के विभिन्न जिलों के वर्कशॉप में खड़ी 346 साधारण बसों का हर महीने 90 लाख 82 हजार 500 रुपए केवल रोड टैक्स बन रहा है, जो रोडवेज को भरना पड़ रहा है।
क्या है नियम
नियमानुसार जब तक किसी बस या अन्य कामर्शियल वाहन का परमिट आरटीओ दफ्तर में सरेंडर नहीं हो जाता, तब तक आरटीओ टैक्स लेता है, चाहे बस चले या फिर खड़ी रहे। वर्कशाप में खड़ी बसों के परमिट सरेंडर नहीं किए गए हैं।
हर महीने खरीदी जा सकती हैं पांच नई बसें
खड़ी बसों की वजह से रोडवेज पर प्रतिमाह 90 लाख 82 हजार 500 रुपए टैक्स बन रहा है। इतने में पांच साधारण नई बस हर महीने खरीदी जा सकती है। एक साधारण बस की कीमत 25 लाख के आसपास है। यही नहीं, इतने में एक एसी बस भी हर महीने खरीदी जा सकती है। पूरे प्रदेशभर में 346 साधारण बसें ऑफ रोड हैं।आपको बता दें कि साधारण व एसी बसों को मिला कर रोडवेज हर माह सवा करोड़ से अधिक का टैक्स चुका रहा है।
कैसे बढ़ रहा रोड टैक्स
कामर्शियल वाहनों से रोड टैक्स दो तरीके से लिया जाता है। साधारण बस का टैक्स 26 हजार 250 रुपए हर माह बनता है। एसी बस की एक माह की एसआरटी 48 हजार होती है।