
बीकानेर, पशुओं खासकर गायों में पनपी लम्पी बीमारी ने आमजन के इस कदर डरा दिया कि लोग अब गाय के दूध से परहेज करने लगे हैं। डेयरियों एवं तबेलों से दूध लेने वाले लोगों का एक ही सवाल होता है, कहीं ये संक्रमित गाय का दूध तो नहीं? दूध बिक्री के साथ संकलन कार्य भी प्रभावित हुआ है। गायों का दूध खरीदने वालों में खासा कमी आई है। उधर, बाजार में दूध पाऊडर की मांग बढ़ गई है। व्यापारी सत्यनारायण सैनी ने कहा, पहले महीने में 3-4 लोग ही दूध पाऊडर लेते थे, अब रोज 15-20 ग्राहक ले रहे हैं। हालांकि चिकित्सक स्पष्ट कर चुके कि संक्रमित गाय का दूध उबाल कर इस्तेमाल कर सकते हैं।
व्यापारी बोले: पहले एक माह में 3-4 ग्राहक ही दूध पाऊडर मांगते थे, अब रोज 15-20 ग्राहक ले रहे
कुम्हारी दरवाजा कृष्णा डेयरी संचालक राजेश भट्ट ने कहा, इस लोगों में भ्रम इस कदर है कि वे पूछते हैं कि दूध लें या नहीं? भ्रम का बाजार गर्म है। रोज 3-4 लोग दूध लेना बंद कर रहे हैं। चिंडकावाड़ी स्थित कृष्ण गोपाल डेयरी संचालक जितेन्द्र भट्ट ने कहा, गाय का दूध खरीदने वालों में 45% तक गिरावट आई है। घोसीवाड़ा स्थित चौहान डेयरी के संचालक मोहम्मद इमरान ने कहा, अब लोग गाय के दूध को डरते हुए लेते हैं।
असर: सरस डेयरी में 15 की बजाय 12 ली. संकलन
लम्पी की वजह से गायों का दूध घट भी रहा है। तभी तो सरस डेयरी का संकलन 20 फीसदी तक घट गया। पहले हर दिन 15 हजार लीटर दूध का संकलन होता था, लेकिन अभी 12 हजार लीटर ही संकलन हो पाता है। मतलब अब 3 हजार लीटर दूध संकलन कम होने लगा है। उधर, इन दिनों भैंस के दूध की मांग भी बढ़ी है।
डॉक्टर बोले: उबाल कर पी सकते हैं संक्रमित गाय का दूध, चिंता नहीं
संक्रमित गाय का दूध पी सकते हैं लेकिन गर्म करने के बाद। गर्म इसलिए कि वायरस जनित बीमारी है तो रिस्क नहीं ले सकते। ये वायरस आदमी में नुकसान नहीं पहुंचा सकता। इसलिए उबाल कर दूध का इस्तेमाल कर सकते हैं, कोई डर नहीं।