बीकानेर। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय स्थित राष्ट्रीय बीज परियोजना सभागार में आज शुक्रवार को रबी बीजोत्पादन वर्ष 2022-23 हेतु निदेशक अनुसंधान डॉ. पी एस शेखावत की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। डॉ शेखावत ने कहा की बीज का फसल उत्पादन में बहुत बड़ा  योगदान रहता है और किसान चाहे तो आज ही हमारे यहाँ से उच्च क़िस्मों के गुणवत्ता युक्त बीज ले सकता है। उपलब्ध बीज की सूचना का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाना चाहिए ताकि किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके। बैठक के समन्वयक एवं अतिरिक्त निदेशक (बीज) डॉ एन के शर्मा ने बताया की रबी 2021-22 में लगभग दो हजार आठ सौ क्विटल बीजोत्पादन रहा और इस बार विश्वविद्यालय की विभिन्न 15 इकाइयों को अलग-अलग श्रेणी के चार हजार क्विंटल बीज उत्पादन का लक्ष्य आवंटित किया गया है। बैठक में बीज-उत्पादन एवं उत्पादित अलग अलग श्रेणी के बीजों जैसे की प्रजनक, आधार, सत्यापित व सत्य चिन्हित बीज की समीक्षा की गई। डॉ शर्मा ने कहा की बीज दिवस ( बुवाई से पहले) व प्रक्षेत्र दिवस आयोजित किए जाये ताकि किसानों को उन्नत बीज व किस्मों की जानकारी मिल सके। गर्मी में अत्यधिक तापमान व विगत कुछ महीनों में अतिवृष्टि और जलभराव से होने वाले नुकसान पर भी चर्चा की गई। उपस्थित कृषि वैज्ञानिकों ने फार्म-एरिया में बीज उत्पादन बढ़े और गुणवत्तायुक्त बीज, अच्छी ग्रेडिंग व पैकेजिंग के साथ किसानों को उपलब्ध कराये जाने पर विचार विमर्श किया। बैठक में आवंटित लक्ष्य प्राप्ति हेतु मॉनिटरिंग, मैनेजमेंट व एक्सपर्ट्स की सलाह पर ज़ोर दिया गया। डॉ सुभाष चन्द्र निदेशक प्रसार शिक्षा ने केवीके पर आवश्यक संसाधनों के साथ प्रजनक बीज आदि उत्पादन बढ़ाने पर चर्चा की। डॉ पी सी गुप्ता ने बीजोत्पादन पर तकनीकी जानकारी दी। डॉ विजय प्रकाश ने चने व सरसों पर और  डॉ ए एस गोदारा ने चारे की फसल पर प्रेजेंटेशन दिया। इनके अलावा विश्वविद्यालय के सातों कृषि विज्ञान एवं दो कृषि अनुसंधान केन्द्रों व उपकेंद्र  के प्रभारियों व वैज्ञानिकों बीजोत्पादन कार्यक्रम संबंधी प्रेजेंटेशन दिया।