बीकानेर, शहर में लगे साढ़े तीन हजार से अधिक लोहे के खम्भों से करंट का खतरा अब कम होगा। बिजली कम्पनी ने प्रथम चरण में शहर में लगे लोहे के 1200 बिजली पोल को विशेष पाइप से कवर कराने का निर्णय किया है। इसके बाद शेष रहे खम्भों पर दूसरे चरण में पाइप से कवर कराने का कार्य कराया जाएगा। राजस्थान पत्रिका ने लोहे के बिजली खम्भों से करंट के खतरे को हटवाने के लिए लगातार समाचार प्रकाशित किए हैं। इसके बाद बिजली कम्पनी इस समस्या के समाधान के लिए सक्रिय हुई है। बीकेईएसएल के सीओओ जयंतराय चौधरी ने बताया कि शहर में लोहे के करीब 3500 पोल हैं। इनमें से अगले साल मार्च तक 1200 खम्भों में ये विशेष पाइप लगाने का लक्ष्य है। प्रति पोल करीब 1275 रुपए की लागत आ रही है। कम्पनी ने ढोला मारू क्षेत्र में लगे लोहे के पोल पर ये विशेष पाइप लगाना शुरू भी कर दिया है। पोल की छह फीट की उचाई तक लगने वाले इन पाइपों को ऊपर व नीचे से एमसील से पैक किया जाएगा। इससे पाइप में बरसात का पानी नहीं भर सकेगा।
बीकेईएसएल ने फिलहाल गंगाशहर सुभाषपुरा, रामपुरिया, बिनानी चौक, सोनगिरी, कैला गोदाम, सुभाष रोड, मोहता चौक, आचार्यों का चौक, रतनव्यासों का चौक, सादुलगंज, मूर्तिसर सर्किल, एक्सरे गली व पूरन सिंह सर्किल एरिया के लोहे के खम्भों को पाइप से कवर करवाने का कार्य स्वीकृत किया है।
दो बार के प्रयोग नाकाम
कम्पनी ने पहली बार विदेश से मंगाकर लोहे के खम्बों पर विशेष पेंट कराया। शुरू में तो ये सफल रहा, लेकिन बाद में पेंट किए हिस्से से कलर उतर गया और करंट आने का खतरा बना रहा। इसके बाद कम्पनी ने कई राज्यों में लोहे के पोल पर लग रहे सामान्य प्लास्टिक पाइप लगाना शुरू किया। बड़ी संख्या में ये पाइप लगाए भी गए, लेकिन तेज गर्मी से ये पाइप एक डेढ साल में ही टूट गए।