बीकानेर। 19 जुलाई की रात को मेजर पूर्ण सिंह सर्किल पर पुलिस की गाड़ी से घायल हुआ जमैटो डिलीवरी बॉय पवन कुमार पडि़हार इलाज के लिए एक साल तक बैड रेस्ट पर रहेगा। ऐसे में पवन के परिवार के सामने यह बड़ा संकट आ मंडराया है कि अब परिवार का लालन पोषण कैस होगा? क्योंकि घर में पवन एक मात्र व्यक्ति है जो कमाकर परिवार को पाल रहा था। मंगलवार को सैन समाज के बड़ी संख्या में लोग एसपी से मिलकर पवन के परिवार को आर्थिक मदद करने सहित दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कानून कार्रवाई कर न्याय की गुहार लगाई। पीडि़त पवन कुमार की पत्नी डिंपल पडि़हार ने एसपी को दिये ज्ञापन में बताया कि 19 जुलाई 2022 को पुलिस विभाग की गाड़ी संख्या आरजे 07 सीए 4264 में सवार कांस्टेबल अजय सिंह एवं महीपाल ने शराब के नशे में, तेज गति व लापरवाही से गाड़ी चलाते हुए मेजर पूर्णसिंह सर्किल बीकानेर पर मेरे पति पवन कुमार पडि़हार को गम्भीर रूप से घायल कर दिया था। दुर्घटना के बाद पुलिसकर्मिया ने उन्हें अस्पताल पहुंचाने में लापरवाही की और वहां उपस्थित जनसमूह के विरोध के बाद मेरे पति को बीकानेर के ट्रोमा सेंटर पहुंचाया, जहां खून ज्यादा बहने और पैर की हड्डिया अधिक टूट जाने के कारण डाक्टरों ने उन्हें तुरंत जयपुर के लिए रेफर कर दिया। एसएमएस अस्पताल जयपुर के ट्रोमा सेन्टर में 20 जुलाई 2022 की सुबह के बाद डाक्टरों ने मेरे पति के दाहिने पैर के दो अमरजेंसी ऑपरेशेन किए तथा दुर्घटना के कारण पैर की चमड़ी ज्यादा खराब हो जाने के कारण एसएमएस अस्पताल के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डाक्टरों ने उनकी प्लास्टिक सर्जरी की लगभग 10 दिन इलाज के बाद 29 जुलाई 2022 को मेरे पति को जयपुर से डिस्चार्ज कर दिया गया और एक वर्ष तक बेड रेस्ट के निर्देश दिये। गरीब मजदूरी पेशा परिवार है। मेरे पति डिलीवरी बॉय का काम करके बड़ी मुश्किल से हमारे परिवार का पालन-पोषण करते थे। मेरे पति परिवार में इकलौते कमाने वाले थे जिन पर परिवार का सारा दारोमदार है। इस गम्भीर दुर्घटना से आई चोटी के बाद जैसा कि डॉक्टर द्वारा बताया गया है। कि लगभग एक वर्ष (या उससे भी अधिक) समय तक के लिये मेरे पति पूर्ण रूप से बेबश हो गये हैं। कोई काम-धंधा इस अवधि तक वे नहीं कर पायेंगे। ऐसे में हमारे परिवार के सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है। गृहणी महिला हूं तथा किसी प्रकार का कौशल मुझे नहीं आता जिससे ने अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकूं। हमारे एक नाबालिग पुत्र भी है, जिसकी पढाई का खर्चा भी है। ऐसे में आग्रह है कि हमारे मजदूरी पेशा गरीब एवं मजबूर परिवार को पुलिस विभाग के रिलीफ फण्ड से या दोषी पुलिसकर्मियों के वेतन में से कटौती करके मेरे परिवार को कम से कम बीस लाख रूपये की आर्थिक सहायता शीघ्रातिशीघ्र प्रदान करावे ताकि मैं अपने पति के ईलाज के साथ-साथ अपने परिवार का गुजारा एवम पुत्र की शिक्षा को सुचारू रख सकूं।