बीकानेर। एक बार फिर निगम आयुक्त व महापौर आमने-सामने है। दरअसल, इस बार प्रकरण फड़बाजार के ठेला व्यापारियों को भैंसावाड़ा (नगर निगम भंडार) में पुर्नस्थापित करने के संबंध में बनाई जा रही योजना से जुड़ा हुआ है। इस संबंध में महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित ने निगम आयुक्त को पत्र लिखा है। जिसमें बताया गया है कि समाचार पत्रों के माध्यम से जानकारी में आया है कि जिला प्रशासन द्वारा फड़बाजार में ठेला व्यापारियों (पथ विक्रेताओं) को भैंसवाड़ा (नगर निगम भंडार) में पुर्नस्थापित करने की योजना बनाई जा रही है। भैंसावाड़ा की भूमि नगर निगम स्वामित्व की पट्टा भूमि है, इस भूमि के संबंध में किसी तरह का निर्णय लेने का अधिकार केवल मात्र बोर्ड को है। प्रशासनिक अधिकारी इस भूमि के उपयोग के संबंध में निर्णय ेलेने में सक्षम नहीं है। बजट बैठक में उक्त भूमि पर व्यावसायिक कॉम्पलेक्स हेतु प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया जा चुका है। महापौर ने पत्र में लिखा कि पूर्व में भी जिला कलेक्टर को पत्र के माध्यम से नगर निगम स्वामित्व की भूमि के संबंध में निर्णय ना लेने के संबंध लिखा जा चुका है। नगर निगम स्वायत्तशासी संस्था है, जिसमें समस्त नीतिगत निर्णय बोर्ड द्वारा लिये जाते है। नगर निगम के संबंध में जिला प्रशासनिक अधिकारी अनुशंसा कर सकते है, लेकिन निर्णय नहीं। महापौर ने पत्र में लिखा कि इस पत्र पर संज्ञान लेकर जिला प्रशासन एवं संबंधित अधिकारियों को पथ विक्रेता अधिनियम 2014, भैंसावाड़ा की भूमि के निर्णय अधिकार एवं उक्त भूमि पर निगम द्वारा प्रस्तावित योजना के बारे में अवगत करवाये तथा यह भी अवगत करवाये की भविष्य में निगम स्वामित्व की भूमि के संबंध में बिना बोर्ड की स्वीकृति एवं सहमति के कोई निर्णय ना लिया जाए। यथोचि आवश्यकता होने पर जिला प्रशासन अनुशंषा करे, जिस पर अंतिम निर्णय निगम बोर्ड द्वारा किया जाएगा।