बीकानेर। जिला कलक्टर नमित मेहता ने कहा कि वैक्सीनेशन प्रारंभ करने से पूर्व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के फ्रंटलाइन कर्मचारी व अधिकारियों के साथ-साथ आर्मी, पैरा मिलिट्री और केंद्रीय विभागों से भी डाटा प्राप्त कर डाटा फीडिंग का कार्य शनिवार दोपहर तक आवश्यक रूप से कर लिया जाए। मेहता ने कहा कि प्रतिदिन एक हजार कोविड-19 के सैंपल लिए जाएं व पीबीएम अस्पताल में भर्ती संदिग्ध कोरोना रोगियों के भी सैंपल लिए जाए। उन्होंने कहा कि सभी के प्रयास हो कि कोरोना पर शत प्रतिशत कंट्रोल हो जाए इसके लिए सभी को समन्वित प्रयास करने होंगे।
मेहता शुक्रवार को कोविड-19 तथा वैक्सीनेशन की तैयारियों की समीक्षा बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में जब शैक्षणिक संस्थाएं खुल जाएगी ऐसे में सभी शैक्षणिक संस्थाओं के प्रबंधकों को भी कोरोना गाइडलाइन के बारे में और बेहतर तरीके से समझाइश की जाए। गाइडलाइन के मुताबिक शैक्षणिक संस्थानों में जो बच्चे आते हैं उनके अलग-अलग बैच बनाए जाएं और प्रत्येक बैच के आने जाने में कम से कम 30 मिनट का अंतराल रखा जाए, इसके लिए भी सभी को निर्देशित किया जाए। उन्होंने कहा कि राजस्थान प्रशासनिक सेवा और चिकित्सा विभाग के अधिकारी लगातार भ्रमण कर संस्थानों का औचक निरीक्षण कर सुनिश्चित करेंगे कि सभी संस्थानों द्वारा सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन की अनुपालना की जा रही है। मेहता ने कहा कि अगर किसी संस्थान द्वारा गाइडलाइन की अनुपालना में किसी भी स्तर पर ढ़िलाई या कमी पाई गई तो उनके विरूद्ध एपिडेमिक एक्ट के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। प्रशासनिक व चिकित्सा विभाग के अधिकारी संस्थान के प्रबंधकों को यह भी समझाइश करेंगे कि उनके सभी विद्यार्थी एवं फैकेल्टी स्टाफ अपने मोबाइल में आरोग्य सेतु एप इंस्टॉल करें एवं इसका उपयोग भी करे, साथ ही संस्थान के प्रबंधक यह भी सुनिश्चित करेंगे कि स्कूलों में आने वाला संपूर्ण सामान बिना सैनिटाइज हुए अंदर नहीं आएगा तथा यह भी बताएं कि अगर स्वास्थ्य को लेकर किसी तरह की परेशानी विद्यार्थियों, अध्यापक तथा अन्य से आती है तो तुरंत चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी, इसके लिए सभी संस्थान के प्रभारियों को अवगत करवाया जाए कि वह तत्काल अपने स्कूल और संस्थान के पास के चिकित्सालय में संपर्क करें।
जिला कलक्टर ने कहा कि वकर्स जिसमें पुलिस, नगरीय निकाय, राजस्व एवं अन्य संबंधित विभाग के अधिकारी और कर्मचारी शामिल है, इन सब का भी डेटाबेस तैयार रखें और साथ ही केंद्रीय मंत्रालयों में आर्मी, पैरामिलिट्री सहित अन्य संस्थानों के भी डाटा तैयार रखें। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन के लिए गठित 150 दल में कार्यरत सभी अधिकारी और कर्मचारियों को वैक्सीनेशन करने की संपूर्ण बारिकियों के बारे में बेहतर तरीके से समझाइश करा दी जाए। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन के दिन सभी उपखंड अधिकारी और संबंधित क्षेत्र के पुलिस उपअधीक्षक, चिकित्सालय में कार्यरत कर्मचारी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी अपने अपने कार्यस्थल पर उपस्थित रहकर वैक्सीनेशन के कार्य में सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि उपखंड अधिकारी और पुलिस के अधिकारी यह भी सुनिश्चित करेंगे कि जिन स्थानों पर वैक्सीनेशन हो रहा है वहां पर अधिक भीड़ एकत्रित ना हो, इसके लिए पुलिस जाब्ता रखा जाए।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) बलदेवराम धोजक, जिला कलक्टर (शहर) अरूण प्रकाश शर्मा उप महानिरीक्षक पंजीयन ऋषि बाला श्रीमाली, अतिरिक्त निदेशक शिक्षा विभाग अशोक सांगवा,पीबीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ परमेंद्र सिरोही, डॉ संजय कोचर, डॉ बी. के. गुप्ता, डॉ एस.के. वर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सुकुमार कश्यप, सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
सखी सेंटर के लिए अधीक्षक भूमि उपलब्ध करवाएं
जिला कलक्टर ने पीबीएम अस्पताल अधीक्षक डॉ परमेंद्र सिरोही को निर्देश दिए कि सखी वन स्टॉप सेंटर के निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध करवाने का कार्य प्राथमिकता से करें ताकि सेंटर की स्थापना हो सके। उन्होंने कहा कि इस सेंटर के लिए पीबीएम अस्पताल परिसर में भूमि उपलब्ध हो जाने से उत्पीड़ित महिला को एक ही स्थान पर आपातकालीन राहत सेवा, चिकित्सकीय सहायता, पुलिस सहायता, कानून संबंधी सहायता तथा परामर्श सुविधा के साथ-साथ 5 दिन के लिए अस्थाई आवास की सुविधा भी मिल सकेगी। वन स्टॉप सेंटर पर 24 घंटे पुलिसकर्मी एवं परामर्श दाता उपलब्ध रहेंगे। मेहता ने कहा कि इस सेंटर पर हिंसा उत्पीड़न की शिकार 18 वर्ष से अधिक आयु की महिला अपना प्रकरण दर्ज करवा सकती है। उन्होंने पीबीएम अस्पताल के अधीक्षक से कहा कि सखी वन स्टॉप सेंटर की महत्ता को देखते हुए भूमि आवंटित करने की कार्रवाई प्राथमिकता के साथ करें।