बीकानेर, नगर निगम एक बार फिर राजनीति का अखाड़ा बन गया है। निगम आयुक्त गोपाललाल बिरदा के निर्णयों का विरोध करते हुए खुद नगर निगम मेयर सुशीला राजपुरोहित पार्षदों के साथ धरने पर बैठ गई है। कलक्टरी पर दिए धरने में मेयर के साथ समर्थक पार्षद भी है। मेयर का आरोप है कि आयुक्त असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक तरीके से काम कर रहे हैं। पिछले दिनों अतिक्रमण तोड़ने के मामले में अदालत की रोक के बाद भी कार्रवाई की गई। यहां तक कि शहर में बारिश से जब लोग पानी के निकासी का इंतजार कर रहे थे तब भी आयुक्त कब्जे तोड़ने में लगे हुए थे। प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत झूठ आंकड़े पेश किए जा रहे हैं। मकानों के पट्टे देने के बजाय उसमें अड़चन डाली जा रही है।
केंद्रीय मंत्री से नहीं ली स्वीकृति
मेयर ने आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल से साधारण सभा की स्वीकृति नहीं ली जाती। जनप्रतिनिधियों की अवमानना की जा रही है। अफसरशाही को लागू करते हुए जनप्रतिनिधियों को जानबूझकर नजरअंदाज किया जा रहा है। इस संबंध में जिला कलेक्टर,संभागीय आयुक्त, डीएलबी डायरेक्टर,शासन सचिव, मुख्य सचिव तथा मंत्री शांति धारीवाल को भी शिकायत की गई लेकिन कोई असर नहीं हुआ।
भाजपा पार्षदों का समर्थन
मेयर के प्रदर्शन को भाजपा पार्षदों ने समर्थन दिया है। उप महापौर राजेंद्र पंवार सहित अधिकांश भाजपा पार्षद इस प्रदर्शन में शामिल रहे। वहीं कुछ कांग्रेस पार्षद भी आयुक्त के कामकाज पर सवाल उठा चुके हैं।