बीकानेर. बाल वाहिनी संचालकों के चालान काटने तथा क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाने पर जिला प्रशासन की ओर से की जा रही सख्ती के विरोध में जारी बाल वाहिनी चालकों की हड़ताल फिलहाल खत्म हो गई है। दोपहर बाद चालकों की संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन के साथ हुई वार्ता में कई मांगों पर सहमति बनने के बाद चालकों ने हड़ताल वापस लेने का फैसला किया। अब शुक्रवार से बच्चों को स्कूल ले जाने का निर्णय किया गया। इस फैसले से अभिभावकों ने राहत की सांस ली है। हालांकि, यह मसला हल हो गया है, ऐसा मानना जल्दबाजी होगी। क्योंकि अगर बालवाहिनी संचालक तय नियमों के अनुसार चले तो बच्चों की संख्या कम होगी। ऐसे में वाहिनी संचालक किराए में बढ़ोत्तरी करेंगे, ऐसा तय माना जा रहा है। कुल मिला कर अभिभावकों के माथे पर किराया मद में आर्थिक भार पड़ना तय है। दरअसल, प्रशासन ने चालकों को वाहन में क्षमता के अनुसार बच्चों को बैठाने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में अगर बच्चों की संख्या कम होगी तो चालक किराया बढ़ा देंगे। चालकों का तर्क है कि गाड़ी खरीद के लिए ऋण की किश्तें जमा करानी होती हैं। साथ ही परिवार का खर्चा भी चलाना होता है। पेट्रोल तथा डीजल के दाम भी आए दिन बढ़ रहे हैं। ऐसे में निकट भविष्य में वाहिनी किराया बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि, यह मसला हल हो गया है, ऐसा मानना जल्दबाजी होगी। क्योंकि अगर बालवाहिनी संचालक तय नियमों के अनुसार चले तो बच्चों की संख्या कम होगी। ऐसे में वाहिनी संचालक किराए में बढ़ोत्तरी करेंगे, ऐसा तय माना जा रहा है। कुल मिला कर अभिभावकों के माथे पर किराया मद में आर्थिक भार पड़ना तय है। दरअसल, प्रशासन ने चालकों को वाहन में क्षमता के अनुसार बच्चों को बैठाने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में अगर बच्चों की संख्या कम होगी तो चालक किराया बढ़ा देंगे। चालकों का तर्क है कि गाड़ी खरीद के लिए ऋण की किश्तें जमा करानी होती हैं। साथ ही परिवार का खर्चा भी चलाना होता है। पेट्रोल तथा डीजल के दाम भी आए दिन बढ़ रहे हैं। ऐसे में निकट भविष्य में वाहिनी किराया बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।