बीकानेर। बिजली कंपनी बीकेईएसएल द्वारा उपभोक्ता के घर दीपावली के त्योंहार पर अंधेरा कर देने की धमकी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यूं तो कंपनी आए दिन इस तरह की अन्याय पूर्ण गतिविधियां करती रहती है। लेकिन इस बार कंपनी की तानाशाही से दम तोड़ते न्याय की पराकाष्ठा ही पार हो गई।
मामला गोगागेट निवासी हिमांशु के घर से जुड़ा है। पीड़ित के अनुसार उसने करीब बारह वर्ष पूर्व अपने चाचा श्यामसुंदर महात्मा के नाम से बिजली कनेक्शन लिया था। जिसका बिल अब तक वह लगातार भरते आ रहा है। 7 दिसंबर 2019 तक का बिल पीड़ित द्वारा भरवाया गया, जिसकी रसीद भी उसके पास है। अंतिम बिल की राशि 8058 रूपए थी। इसके बाद फरवरी व अप्रेल का बिल पीड़ित को प्राप्त नहीं हुआ, बल्कि सीधे 22 मई, 2020 का बिल प्राप्त हुआ। लेकिन इस बिल ने पीड़ित के होश ही उड़ा दिए। कोरोना काल के बीच एक साथ 56976 रूपए का बिल देखकर पीड़ित परेशान हो गया।
इस पर उसने 6 अगस्त को विभाग से संपर्क किया तथा बिल संबोधन का निवेदन किया। यहां विभागीय कर्मचारी ने पीड़ित को लिखित में सारी जानकारी देते हुए कुल बिल राशि में से 37124 रूपए ऑडिट राशि बताते हुए, वर्तमान बिल की भुगतान योग्य राशि 32126 रूपए बताई। यहां विभाग द्वारा संशोधन की सूचना दिए जाने पर बिल जमा करवाने की बात कही गई। लेकिन अक्टूबर में भी संशोधन नहीं होने पर पीड़ित द्वारा पुन: विभाग से संपर्क साधा गया। लेकिन इस बार विभाग के कर्मचारी ने ऑडिट राशि 37124 से बढ़ाते हुए 40627 बताई। वहीं वर्तमान बिल की भुगतान योग्य राशि 41348 रूपए बताई गई। यह सारी जानकारी लिखित में दी गई।
लेकिन इसके बाद भी संशोधित बिल ना दिया जाकर केवल आश्वासन ही दिया गया। परेशान पीड़ित ने इस लापरवाही की शिकायत सहायक अभियंता, अधीक्षण अभियंता व अधिशाषी अभियंता को की। लेकिन संशोधित बिल देने की जगह विभाग ने पीड़ित को धमकी दे डाली। विभाग ने धमकी दी है कि उसके घर का विद्युत कनेक्शन 14 नवंबर यानी दीपावली के दिन ही काट दिया जाएगा। विभाग की इस घोर तानाशाही व असंवदेनशील रवैये से पीड़ित परिवार भयाक्रांत होकर एडवोकेट अनिल सोनी के पास पहुंचा। सोनी ने कंपनी को लीगल नोटिस जारी किया है। सोनी ने बताया कि विभाग द्वारा लगातार की जा रही लापरवाही के लिखित सबूत मौजूद हैं। कंपनी अथवा विभागीय लापरवाही का दंड उपभोक्ता को देना न्याय संगत नहीं है। कंपनी ने कनेक्शन काटने की धमकी दी है वह भी त्योंहार के दिन, यह असंवेदनशील है।
अब देखना यह है कि दीपावली के दिन पीड़ित के घर उजाला रहता है या अंधेरा।