महाजन (बीकानेर). रॉबर्ट वाड्रा जमीन प्रकरण में प्रवर्तन निदेशालय जयपुर की ओर से मुख्य आरोपी जयप्रकाश बागड़वा की सम्पत्ति को सीज करने के मामले में नया मोड़ आया है। प्रर्वतन निदेशालय ने अरजनसर में जिस सम्पत्ति को सीज कर रखा है उसके मालिकाना हक को लेकर यह विवाद है। इस मामले में न्यायालय ने तत्कालीन नायब तहसीलदार जयदीप मित्तल व जयप्रकाश बागड़वा समेत चार जनों को तलब किया है। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट लूणकरनसर के आदेशानुसार जयप्रकाश बागड़वा, तत्कालीन नायब तहसीलदार जयदीप मित्तल, रणजीतसिंह व तत्कालीन सरपंच रामेश्वर को अभियुक्त माना गया है। न्यायालय ने सभी आरोपियों को पांच हजार रुपए के जमानती वारण्ट से तलब करने के निर्देश दिए हैं।यह था मामला अरजनसर में बस स्टैण्ड के पास 2250 वर्गफीट के इस भूखण्ड पर मालिकाना हक को लेकर जयप्रकाश बागड़वा और तत्कालीन अरजनसर सरपंच मघाराम मारोठिया के बीच विवाद होने पर वर्ष 1998 में प्रशासन को रिसीवर नियुक्त किया गया। न्यायालय ने 2012 में भूखण्ड को अरजनसर के तत्कालीन सरपंच मघाराम मारोठिया का मानते हुए उनके हक में फैसला दे दिया। लूणकरनसर तहसील प्रशासन ने मार्च 2013 में भूखण्ड का कब्जा भी मारोठिया को सौंप दिया। उस समय लूणकरनसर में नायब तहसीलदार जयदीप मित्तल थे एवं कब्जा मित्तल ने ही सौंपा था। बाद में मित्तल ने ही इस भूखण्ड पर जयप्रकाश बागड़वा के नाम से 2009 में बने पट्टे का पंजीयन भी अक्टूूबर 2014 में कर दिया। ईडी ने 2018 में इस भूखण्ड को कुर्क करने का बोर्ड लगा दिया। ईडी ने उपखण्ड अधिकारी से रिपोर्ट मांगी। जिस पर एसडीएम के निर्देश पर विकास अधिकारी ने जांच दल गठित कर पट्टे की जांच करवाई। इसमें ग्राम पंचायत में इस पट्टे से सम्बंधित कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। इस मामले को लेकर पूर्व सरपंच मारोठिया ने न्यायालय में तत्कालीन नायब तहसीलदार मित्तल व बागड़वा के खिलाफ परिवाद पेश कर दिया। न्यायालय ने मामले की जांच करने के लिए महाजन पुलिस को परिवाद भेजा। पुलिस जांच में बागड़वा व रणजीतसिंह की ओर से रामबाग के तत्कालीन सरपंच रामेश्वरलाल के साथ मिलीभगत कर फर्जी पट्टा बनाने का मामला सामने आया। साथ ही फर्जी पट्टे का नायब तहसीलदार मित्तल की ओर से निर्धारित प्रक्रिया अपनाए बिना पंजीयन करने का मामला उजागर हुआ।