बीकानेर, जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने सोमवार को पीबीएम अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों के साथ आधा दर्जन से अधिक वार्डों का जायजा लिया। अस्पताल परिसर में सड़क तथा ड्रेनेज की स्थिति के बारे में जाना। जिला कलक्टर ने कहा कि अस्पताल में आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को आधारभूत सुविधाओं को लेकर कोई परेशानी नहीं हो यह सुनिश्चित किया जाए। अस्पताल परिसर में बरसात के दौरान होने वाले जल भराव तथा छतों पर बरसाती पानी के ठहराव से परिसर में होने वाली सीलन की समस्या के समाधान की दिशा में कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि अस्पताल परिसर का ड्रेनेज सिस्टम सुधारना सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए अस्पताल के ड्रेनेज और सड़क सुदृढ़ीकरण से संबंधित विस्तृत प्लान बनाने के निर्देश दिए। जिला कलक्टर ने कहा कि अस्पताल परिसर के ड्रेनेज चेम्बर की नियमित सफाई की जाए, जिससे यहां बेवजह गंदगी नहीं फैले। वार्डों में दिन में कम से कम तीन बार सफाई हो। सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से इसकी मॉनिटरिंग की जाए। आवश्यकता के अनुसार नॉन मेडिकल स्टाफ को वार्ड वार पर्यवेक्षण प्रभारी बनाया जाए। उन्होंने कहा कि सभी वार्डों के शौचालय चालू स्थिति में रहें। जरूरत के अनुसार इनकी मरम्मत के साथ नए शौचालय भी बनाए जाएं। मरीज एवं उनके परिजन, मेडिकल वेस्ट अथवा बोतलें आदि डालकर इन्हें अवरूद्ध नहीं करें, इसके मद्देनजर शौचालयों के पास जागरुकता से जुड़े बोर्ड लगाए जाएं। जिला कलक्टर ने कहा कि अस्पताल परिसर की दीवारों पर पान अथवा गुटखे के पीक थूकने वालों के खिलाफ चालान काटे जाएं। किसी भी स्थिति में दीवारे गंदी नहीं रहें। उन्होंने अस्पताल परिसर की छतों, दीवारों और फर्श की मरम्मत, बैठने की पट्टियों को दुरूस्त करवाने के लिए निर्देशित किया। पार्कों के रख रखाव और सौंदर्यकरण, बिजली की केबलिंग व्यवस्थित करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दीवारों को तोड़कर निकलने वाले झाड़-झंखाड़ हटाए जाएं। विभिन्न वार्डों के साइनेज बोर्ड दुरूस्त किए जाएं। इस दौरान पीबीएम अधीक्षक डॉ. पीके सैनी, पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता मुकेश गुप्ता, अधिशाषी अभियंता नरेश जोशी, डॉ. सुरेन्द्र वर्मा, डॉ. जितेन्द्र आचार्य आदि मौजूद रहे।