बीकानेर, राजस्थान रोडवेज में पुलिस कर्मचारियों को यात्रा कराने पर अंदरूनी कलह थम नहीं रही। हर माह जवान के खाते से 300 रुपए की कटौती होगी, चाहे वह यात्रा करे या न करे। पुलिस कर्मचारियों में इसी बात को लेकर रोष है। बस में पुलिसकर्मियों की संख्या भी निर्धारित हैं। कर्मचारियों का कहना है कि एक बस में कितने पुलिस कर्मचारी सफर कर रहे हैं, इसका जवानों को जानकारी नहीं होती है। बस में पुलिस कर्मचारियों की पांच तक की संख्या को तय करना अनुचित है।
एक पुलिस निरीक्षक ने बताया कि रोडवेज पुलिस जवानों को फ्री में यात्रा नहीं करवा रही है। वह जवानों से पहले दो सौ और अब तीन सौ रुपए प्रतिमाह ले रही है, जो उनकी तनख्वाह से काटे जा रहे हैं। पुलिस जवानों का कहना है कि जब खाते से पैसा कट रहा है, तो फिर सवारी की संख्या तय करना गलत है। बस में पुलिस जवानों के यात्रा करने की बाध्यता को खत्म किया जाना चाहिए।
यह है योजना
मुख्यमंत्री ने जून-2020 में पुलिस कर्मियों के आवागमन के लिए रोडवेज की बसों में रियायती दर पर यात्रा कराने के लिए योजना की घोषणा की थी। इसके बाद रोडवेज ने एक जनवरी-2021 से योजना लागू कर सिपाही से लेकर निरीक्षक स्तर तक को राज्य सीमा के भीतर साधारण व द्रुतगामी बसों में नि:शुल्क यात्रा की सुविधा दे दी। इसके बदले में हर पुलिसकर्मी के वेतन से दो सौ रुपए प्रतिमाह अंशदान काटा जा रहा था। योजना लागू होने के कुछ समय बाद ही और छूट देते हुए बसों में कर्मियों की संख्या पर पाबंदी भी हटा दी गई। साथ ही दिल्ली में पदस्थापित पुलिसकर्मियों को मुख्यालय छोड़ने पर दिल्ली से राजस्थान तक नि:शुल्क यात्रा व अन्य छूट भी दे दी। इसके बाद से रोडवेज को नुकसान होने लगा। इसे लेकर रोडवेज व सरकार के बीच मंथन शुरू हुआ। बात तीन सौ रुपए प्रति माह काटे जाने पर तय हुई। इसके अलावा राजस्थान से बाहर यात्रा करते हैं, तो भुगतान जेब से करना पड़ रहा है।
पुलिस जवानों की मुख्य मांगें
बस में यात्रा करने वाले पुलिस कर्मियों की संख्या सीमित नहीं हो।- सभी श्रेणी की बसों में सफर की सुविधा मिले।- अंतर राज्य सीमा की पाबंदी न हो।- आरएफआइडी कार्ड को बार-बार नवीनीकरण की बाध्यता समाप्त की जाए। बसों में टिकट की सुविधा मोबाइल फोन पर ओटीपी के माध्यम से हो।