
बीकानेर. कार्यालयों में पांच दिनों का सप्ताह होने के बाद सरकारी स्कूलों में कार्यरत मंत्रालयिक संवर्ग भी हर शनिवार के बदले क्षतिपूर्ति अवकाश की मांग कर रहा था। निदेशालय को इस बारे में स्कूलों से मार्गदर्शन के लिए सैकड़ों पत्र आने लगे, तो निदेशालय ने सरकार से इस बारे में मार्गदर्शन मांगा। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि स्कूल, कॉलेजों, शिक्षण संस्थानों, चिकित्सालयों, औषधालयों तथा पशु चिकित्सालयों के लिए पांच दिनों का सप्ताह लागू नहीं होकर प्रत्येक माह के द्वितीय शनिवार को सार्वजनिक अवकाश रखा जाएगा। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के उप निदेशक (प्रशासन) दया शंकर अडावतिया ने इस बारे में सभी संयुक्त निदेशकों को सूचित करते हुए स्कूलों में मंत्रालयिक संवर्ग को सामान्य प्रशासनिक विभाग (ग्रुप 2) के 26 जून 1975 के अनुसार ही सार्वजनिक तथा क्षतिपूर्ति अवकाश निर्धारित करने के निर्देश दिए हैं।
संस्था प्रधानों पर था दबाव, अब स्थिति स्पष्ट
दरअसल जब से राज्य में पांच दिवस का सप्ताह निर्धारित किया गया है, तब से ही स्कूलों में कार्यरत मंत्रालयिक संवर्ग के कर्मचारी हर शनिवार के अवकाश के बदले क्षतिपूर्ति अवकाश देने के लिए संस्था प्रधानों पर दबाव बना रहे थे। चूंकि पहले कार्यालयों में हर माह के द्वितीय शनिवार को अवकाश होता था, तो स्कूलों में कार्यरत मंत्रालयिक कर्मचारियों को इसके बदले क्षतिपूर्ति अवकाश स्वीकृत करने के आदेश थे। इन्हीं आदेशों के आड़ में स्कूलों में कार्यरत कर्मचारी पांच दिन का सप्ताह होने के बाद अपने लिए भी पांच दिन के सप्ताह के आधार पर हर शनिवार को सार्वजनिक अवकाश रखने अथवा स्कूल आने पर इसके बदले क्षतिपूर्ति अवकाश देने का दबाव संस्था प्रधानों पर बना रहे थे। संस्था प्रधानों ने निदेशालय से इस बारे में स्थिति स्पष्ट करने को कहा था। अब सरकार ने स्थिति स्पष्ट करते हुए केवल द्वितीय शनिवार को सार्वजनिक अवकाश रहने अथवा स्कूल आने पर मंत्रालयिक कर्मचारी को क्षतिपूर्ति अवकाश पूर्व निर्देशों के अनुसार स्वीकृत करने के निर्देश दिए हैं।