बीकानेर, प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में टीचर्स के तौर पर सेवा दे रहे डेंटिस्ट डॉक्टर्स की सेवानिवृत्ति उम्र को 60 से बढ़ाकर 65 वर्ष करने का आदेश राजस्थान हाईकोर्ट ने दिया है। बीकानेर के एसपी मेडिकल कॉलेज में जनरल डेंटिस्ट्री के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ.रंजन माथुर की याचिका पर संदीप मेहता और कुलदीप माथुर की अदालत ने यह फैसला सुनाया है। अब तक डेंटिस्ट डॉक्टर्स की सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष थी। इस लिहाज से डॉ.माथुर 30 सितंबर को रिटायर होने वाले थे। एडवोकेट राजीव पुरोहित का कहना है, राज्य सरकार ने मार्च 2018 में एक आदेश के जरिये एमबीबीएस कर मेडिकल कॉलेज में नियुक्त होने वाले टीचर्स की सेवानिवृत्ति उम्र 62 से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी। इसके विपरीत बीडीएस कर फेकल्टी बनने वालों की रिटायरमेंट उम्र 60 वर्ष ही रखी। हमने काेर्ट में तर्क रखा कि दोनों एक ही परीक्षा देकर डॉक्टर बनने के लिए सलेक्ट होते हैं। दोनों समान अवधि का कोर्स करते हैं। आरपीएससी के जरिये समान प्रक्रिया से कॉलेजों में नियुक्ति होती है। दोनों डॉक्टर्स का प्रमोशन भी एक ही डीपीसी पद्धति से होता है। इस पर कोर्ट ने सहमत हाेते हुए सरकार को इस बारे में आदेश जारी करने को कहा है।

अभी क्या है : मेडिसिन, सर्जरी, गायनी सहित मेडिकल टीचर्स की सेवानिवृत्ति उम्र है 65 साल
असर किन पर : प्रदेश के सभी मेडिकल काॅलेजों में फेकल्टी यानी मेडिकल टीचर की तरह सेवा दे रहे चिकित्सकों पर
इन पर लागू नहीं : जो 60 वर्ष की उम्र में हाल ही रिटायर हो गए हैं उन पर यह लागू नहीं होगा
आगे क्या : कोर्ट के इस आदेश के आधार पर सरकार अपने मार्च 2018 के आदेश में संशोधन कर वापस जारी करेगी। एक विकल्प यह भी है कि सरकार इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकती है।

बीकानेर में क्या होगा असर
डॉ.रंजन माथुर फिलहाल मेडिकल कॉलेज के अतिरिक्त प्राचार्य एवं दंत रोग विभागाध्यक्ष हैं। ऐसे में वे अतिरिक्त प्राचार्य के तौर पर नियमित सेवा देते रहेंगे। इसके साथ ही विभागाध्यक्ष का पद दो साल के रोटेशन से बदलता है।