बीकानेर : लम्पी रोग का मुकाबला कर पाने में विफल राज्य की लापरवाह कांग्रेस सरकार के खिलाफ शहर भाजपा का विरोध प्रदर्शन, पढ़े खबर

बीकानेर। प्रदेश मे लम्पी रोग से 10 लाख से ज्यादा गौ-वंश की अकाल मृत्यु और इस गंभीर संवेदनशील मुद्दे पर राज्य सरकार की अकर्मण्यता और लापरवाही के विरोध में शहर भाजपा बीकानेर द्वारा गुरुवार को किसान मोर्चा के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन करते हुए अतिरिक्त जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए राज्य सरकार से इस विषय पर संवेदनशीलता के साथ अपने नैतिक और संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करने की मांग रखी ।भाजपा प्रतिनिधिमंडल द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में राज्य सरकार से लम्पी बीमारी को तुरंत आपदा घोषित करने, पशु मुआवजा जारी करने, पशुपालन विभाग में तुरंत चिकित्साकर्मियों की भर्ती करने, युद्ध स्तर पर टीकाकरण अभियान चलाने, राज्य सरकार अथवा बीमा कम्पनी से क्षतिपूर्ति करवाने, नया पशुधन खरीदने के लिए ब्याज रहित ऋण देने, गौशालाओं का अनुदान तुरन्त जारी करने और मृत गौवंश के शवों को पूर्ण वैज्ञानिक तरीके से धार्मिक रीती रिवाज के साथ उचित निस्तारण की व्यवस्था करवाने की मांग रखी गयी है। भाजपा नेताओं ने बीकानेर के जोड़बीड क्षेत्र में लम्पी रोग से मरने वाले गौ-वंश को खड्डा खोदकर उचित निस्तारण करने के बजाय सीधा ही खुले क्षेत्र में चील-कौवों के लिए छोड़ देने पर भी भारी विरोध दर्ज करवाया और इस घोर लापरवाही से क्षेत्र में महामारी फैलने का भी डर जताया ।भाजपा जिलाध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि प्रदेश में लम्पी रोग से हो रही गौवंश के मौत की सीधी-सीधी जिम्मेदार राज्य की कांग्रेस सरकार है। उन्होंने कहा कि संविधान के आर्टिकल 246 के अंतर्गत बनी 7वीं अनुसूची में वर्णित द्वितीय  सूची की राज्य सूची एंट्री 15 के तहत किसी भी राज्य सरकार का दायित्व है कि वह राज्य में पशुधन गौधन से संबंधित बीमारियों की रोकथाम एवं संरक्षण का कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार की अकर्मण्यता, प्रशासन की नाकामी, पशु चिकित्सा विभाग में संसाधनों और दवाईयों के अभाव के चलते इस रोग ने महामारी का रूप ले लिया है और लंपी रोग से हुए गौ- वंश के भारी नुकसान, हज़ारों की संख्या में अकाल मृत्यु के कारण पशु आधारित अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। प्रदेश कार्यसमिति सदस्य और पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य ने कहा कि प्रदेश की निष्ठुर कांग्रेस सरकार गौ-माता के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं कर पा रही है जबकि प्रदेश की जनता राजस्थान सरकार के पास हजारों करोड़ों रुपए गौ-माता की सेवा के लिए सेस के नाम पर प्रतिदिन जमा करवा रही है। गौ-वंश संवर्धन के लिए जाने वाले सेस के नाम पर आम जनता से प्राप्त हजारों करोड़ों रुपए सरकार के खजाने में जमा तो हो रहा है लेकिन दुर्भाग्य है कांग्रेस सरकार द्वारा इस फण्ड का दुरुपयोग केवल मौज-मस्ती और अपनी कुर्सी बचाने के लिए ही किया जा रहा है । जिला महामंत्री मोहन सुराणा और अनिल शुक्ला ने कहा कि राजस्थान के बीकानेर जिले सहित विभिन्न जिलों में रोज हजारों गाएं मर रही है तथा सरकार ना तो उनका उपचार करवा पा रही है और ना ही उनके लिए चारे पानी की व्यवस्था की जा रही है बल्कि इस रोग से तड़प तड़प कर दम तोड़ रही गौ माता को मृत्यु के पश्चात खुले में डालकर चील कौवों को नोचने के लिए डाला जा रहा है  जबकि गड्ढा खोदकर उनमें मृत गौवंश को डालकर ऊपर से मिट्टी डालकर निस्तारण किया जाना चाहिए।   किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष एड. श्यामसुन्दर चौधरी ने कहा कि प्रदेश के मुखिया और कांग्रेस की निकम्मी सरकार के द्वारा गौ माता के साथ जिस प्रकार से घिनौना कृत्य किया जा रहा है वह अति निंदनीय है। प्रदेश के मुखिया गौ-माता का अपमान करने से भी नहीं झिझक रहे हैं और उनकी अकर्मण्यता का ही परिणाम है कि प्रदेश में लाखों गाएं अकारण काल का ग्रास बन चुकी है। गुरुवार को विरोध प्रदर्शन और ज्ञापन देने वालों में जिलाध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह, डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य, मोहन सुराणा, अनिल शुक्ला, अरुण जैन, कौशल शर्मा, श्यामसुंदर चौधरी, दीपक यादव, राजाराम सिंगड़, उस्मान गनी, सोहनलाल चांवरिया, सुमन छाजेड़, नरसिंह सेवग, अजय खत्री, मनीष सोनी, इमरान समेजा राजेश पंडित, भारती अरोड़ा, भगवती स्वामी इत्यादि कार्यकर्त्ता सम्मिलित रहे।

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