बीकानेर, हेमेरां. रुणिया बड़ाबास में कहने को तो उच्च माध्यमिक स्तर का विद्यालय है और नया सत्र विद्यालय में शुरू हो गया लेकिन बच्चे विद्यालय भवन जर्जर होने के कारण डर के साये में पढऩे को मजबूर है। जब बरसात होती है तो विद्यार्थी व शिक्षक दोनों विद्यालय के बाहर बैठकर बरसात रुकने का इंजतार करते है। बरसात के दिन ना पोषाहार बनता है और ना पढ़ाई होती है। जर्जर विद्यालय भवन कभी भी गिर सकता है। बारिश के दिनों में कमरों में पानी भर जाता है। इसमें पांच कमरे जर्जर हो चुके हैं। कमरों में पानी टपक रहा है लेकिन मजबूरन कक्षाएं लगानी पड़ रही है। विद्यालय परिसर तालाब बन चुका है। वही पोषाहार से लेकर ऑफिस व कक्षा कक्षा सब इन पांच कमरों में होता है। विद्यालय में 413 बच्चों का नामांकन है। गत वर्ष 497 बच्चों का नामांकन था। विद्यालय के स्वयं के भवन में 8 से 12वीं तक कि कक्षाएं लगती है। जबकि कक्षा 1 से 8 तक कि कक्षाएं समीप के ग्राम पंचायत भवन में चलती है। जब बारिश नही होती है तो खुले आसमान के तले बच्चों की पढ़ाई होती है।

स्कूल भेजने से कतराते अभिभावक
विद्यालय का भवन जर्जर होने व कमरे पानी से भरे होने के कारण अभिभावक बच्चों को विद्यालय भेजने से कतराते है। ग्रामीण लिखमाराम मेघवाल ने बताया कि कोई अनहोनी हो गई तो कौन जिम्मेदार होगा। जबकि अभी तक नया भवन तैयार नही हुआ है। बच्चे डर के साये में पढऩे को मजबूर है।