बीकानेर, के डूंगर कॉलेज में पीजी क्लासेज में एडमिशन नहीं होने से सैकड़ों स्टूडेंट्स योग्यता होने के बावजूद छात्र संघ चुनाव से वंचित रह जाएंगे। इतना ही नहीं चुनाव मैदान में उतरने के लिए तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स भी बाहर होने तय हैं। ऐसे में NSUI ने टंकी पर चढ़कर विरोध दर्ज कराया तो अब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (ABVP) ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पुतला जलाया। दरअसल, बीए, बीएससी और बीकॉम तीनों के फाइनल इयर के रिजल्ट आ चुके हैं। इसके बाद भी डूंगर कॉलेज में एडमिशन प्रोसेस शुरू नहीं हो पाया है। एमए, एमकॉम और एमएससी में एडमिशन की योग्यता रखने वाले स्टूडेंट्स में कई छात्र नेता है। ये स्टूडेंट्स पिछले एक साल से छात्र संघ चुनाव की तैयारी कर रहे हैं लेकिन अब यूजी के बाद पीजी में एडमिशन नहीं मिलने से इनको चुनाव प्रक्रिया से बाहर होना पड़ेगा। कॉलेज में करीब एक हजार सीट्स पर पीजी में एडमिशन होते हैं। ऐसे में एक हजार स्टूडेंट्स चुनाव से बाहर हो जाएंगे। डूंगर कॉलेज में करीब दस हजार स्टूडेंट्स हर बार चुनाव में हिस्सा लेते हैं। इस बार ये संख्या पीजी के कारण कम हो सकती है।

एबीवीपी ने जलाया पुतला

उधर, एबीवीपी के सदस्यों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पुतला जलाकर विरोध दर्ज कराया। इन स्टूडेंट्स ने पीजी में एडमिशन शुरू करने, चुनाव में इन स्टूडेंट्स को मौका देने की मांग की। बाद में कॉलेज प्रशासन को ज्ञापन भी दिया गया। इससे पहले एनएसयूआई के सदस्यों ने टंकी पर चढ़कर विरोध दर्ज कराया था।

संगठन भी परेशान

दरअसल, छात्र संगठन भी पीजी एडमिशन नहीं होने से टिकट वितरण नहीं कर पा रहे हैं। संगठनों ने जिन युवा चेहरों को मैदान में उतारने का विचार किया था, उनमें कुछ तो अब कॉलेज के छात्र ही नहीं है। अभी जल्दबाजी में टिकट देने और बाद में प्रवेश होने पर आपसी विवाद भी हो सकता है। ऐसे में माना जा रहा है कि एनएसयूआई और एबीवीपी अंतिम क्षणों में ही टिकट देगी ताकि बाद में विवाद ना हो।