बीकानेर। बीकानेर पुलिस ने एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए करीब 100 लोगों को खुशियां लौटाने का काम किया है। दरअसल, मामला आमजन के गुमशुदा मोबाइल से जुड़ा हुआ है। पुलिस ने 100 ऐसे मोबाइल को ट्रेस कर असली मालिकों को लौटाया है। अपने आप में बीकानेर पुलिस की यह बड़ी कार्रवाई है, क्योंकि अमूमन देखा जाता है कि मोबाइल जैसे वस्तु गुम होने के मामलों को पुलिस गंभीरता से नहीं लेती, लेकिन बीकानेर पुलिस ने ऐसा कर दिखाया है जो अन्य जिलों की पुलिस के लिए भी सकारात्मक संदेश देगा। इस मामले का खुलासा करते हुए बीकानेर एसपी योगेश यादव ने बताया कि जिले में कई लोगों के मोबाइल गुम होने की सूचना फरियादियों द्वारा ऑनलाइन पुलिस पोर्टल पर दर्ज की जाकर फरियादी द्वारा स्वयं साईबर सैल को भी सूचित किया गया। जिसमें अधिकांश लोग साधारण परिवार से थे, उनमें से ज्यादातर लोग ऐसे थे जिन्होंने बड़ी मुश्किल से किस्तों पर मोबाइल खरीदा था और गुम हो गया। जिस पर एसपी द्वार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर अमित कुमार के निर्देशन में साईबर सैल को गुमशुदा मोबाइल्स को ट्रेस करने के निर्देश दिए। जिस पर साईबर सैल ने विशेष अभियान ‘फिर से खुशी’ के तहत वर्ष 2001 से अब तक गुम हुये 140 मोबाइल को सर्च करने के लिये अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में एक विशेष टीम का गठन किया गया। जिसमें साईबर सैल के हैड कांस्टेबल दीपक यादव के नेतृत्व में हैड कांस्टेबल दिलीप सिंह, कांस्टेबल देवेन्द्र, सूर्यप्रकाश, सरजीत, श्रीराम, राजुराम, बाबुलाल, महेन्द्र, गोविंद द्वारा बीकानेर में गुमशुदा मोबाइल को मोबाइल सेवा प्रदाताओं से तकनीकी सूचना प्राप्त कर राजस्थान के अलग-अलग जिलों में चल रहे गुमशुदा मोबाइलों को ट्रेस कर बरामद किया गया। उक्त बरामदशुदा मोबाइलों की कीमत प्रति मोबाइल 15 हजार से 80 हजार रुपए तक है। एसपी यादव ने बताया कि बरामदशुदा मोबाइल मजदूरी करने वाले, खेती करने वाले, पढऩे वाले विद्यार्थी व सरकारी-प्राइवेट कर्मचारियों के है, इन्हें इनके मोबाइल साईबर सैल कार्यालय द्वारा पुन: वापस दिलवाये जाने पर इनके चेहरे पर खुशी देखने को मिली। बरामद मोबाइलों को एसपी यादव द्वारा फरियादियों को लौटाये जाकर साईबर अपराध, सोशल मीडिया से संबंधित अपराधों के बचाव एवं सतर्क रहने हेतु समझाईश की गई।