बीकानेर. पहले स्कूलों में ग्रीष्मावकाश के चलते शिक्षकों के पास कोई काम नहीं था। अब हिंदी माध्यम स्कूल अंग्रेजी में तब्दील होने के बाद कई शिक्षकों के पास बच्चों को पढ़ाने का काम नहीं बचा है। ऐसे में ये शिक्षक ठाले बैठे हैं। प्रदेश में इस प्रकार के करीब चार हजार शिक्षक हैं, जो सीबीईओ कार्यालय में हाजिरी लगा रहे हैं। जानकारी के अनुसार प्रदेश में 178 स्कूलों को महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम में रूपांतरित किया गया है। इन स्कूलों में सरकार ने अंग्रेजी के शिक्षकों के साक्षात्कार लेकर पदस्थापन दे दिया, जबकि इन स्कूलों में पहले से कार्यरत शिक्षक ही पदस्थापन के इंतजार में बैठे हैं। माना जा रहा है कि अगर सभी शिक्षकों को एक ही स्थान पर बैठा दिया जाए, तो करीब चार हजार शिक्षकों को रखना मुश्किल हो जाता। ऐसे में अलग-अलग सीबीईओ कार्यालय में शिक्षकों को एपीओ कर वहां हाजिरी लगाने के आदेश जारी किए गए। एक अनुमान के मुताबिक एक स्कूल से औसतन 11 शिक्षकों को एपीओ किया गया था। इधर, जिन अंग्रेजी स्कूलों में शिक्षकों के साक्षात्कार किए गए थे, उनकी जुलाई में सूची भी जारी कर दी गई। अब जमीनी हालात यह हैं कि करीब चार हजार शिक्षकों के एपीओ होने की वजह से स्कूलों में पढ़ाई में भी व्यवधान पैदा हो रहा है। इसी माह विद्यार्थियों की प्रथम परख परीक्षा भी है, जबकि कई विद्यार्थियों का तो पाठ्यक्रम भी पूरा नहीं हो पाया है।

आदेश जारी कर दिए हैं

यह सही है कि अंग्रेजी माध्यम में रूपांतरित हुए स्कूलों के शिक्षकों को एपीओ किया गया है, लेकिन अब आदेश जारी कर दिए गए हैं। जो शिक्षक एपीओ हैं, उनकी काउंसलिंग कर पदस्थापन किया जाएगा। इस संबंध में प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। – गौरव अग्रवाल, शिक्षा निदेशक