छतरगढ़़. कृष्णनगर गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य राकेश चोटिया के साथ अध्यापक सहित अन्य लोगों द्वारा मारपीट को लेकर पिछले तीन से उपजा विवाद बुधवार को प्रशासन व ग्रामीणों में सहमति के बाद खत्म हो गया। छतरगढ़़ तहसीलदार राजेश शर्मा के साथ ग्रामीणों की मांगों पर बनी सहमति के बाद विद्यार्थियों व गांव के मौजीज लोगों की मौजूदगी में स्कूल का ताला खोल दिया गया। बुधवार दोपहर को जिला शिक्षा विभाग की ओर से अध्यापिका मनीषा के निलंबित के आदेश जारी करने के बाद छतरगढ तहसील प्रशासन ने धरना स्थल पर पहुंचकर ग्रामीणों से वार्ता की। इसके बाद सहमति बनने पर धरना समाप्त करने का आश्वासन दिया गया।
इन मुद्दों पर सहमति
प्रशासन एवं ग्रामीणों के बीच वार्ता में अध्यापिका को निलंबित करने के आदेश कापी ग्रामीणों को दी गई तथा ग्रामीणों ने प्रशासन से प्रधानाचार्य के साथ मारपीट के आरोपियों को गिरफ्तार करने एवं दर्ज मुकदमे से धारा हटाने की मांग की। इस पर प्रशासन ने उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। मौजूद ग्रामीणों ने प्रशासन द्वारा लिखित समझौते पर हस्ताक्षर कर सहमति जाहिर की।वार्ता में तहसीलदार राजेश शर्मा, कानूनगो रामेश्वर लाल भादू, पटवारी पेमाराम, देवीलाल एवं ग्रामीणों की ओर से कृष्णनगर सरपंच प्रतिनिधि किशनलाल, अर्जूनराम गोदारा, मोहनराम, अजय कुमार, लिक्ष्मणराम, ओमप्रकाश, मघाराम, महेंद्र कुमार व ग्रामीण शामिल रहे।
धरना 10 वें दिन भी जारी
श्रीडूंगरगढ़ ञ्च पत्रिका. नवसृजित उपतहसील सूडसर में शामिल करने के विरोध में संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वावधान में लखासर गांव में ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन धरना बुधवार को 10वें दिन भी जारी रहा। धरना स्थल पर ग्रामीणों ने मांग को लेकर प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की। गोवर्धन खिलेरी लखासर ने बताया कि उपतहसील सूडसर में शामिल करने का विरोध करने वाले गांवों को तहसील श्रीडूंगरगढ़ में यथावत रखने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना चल रहा है। युवा नेता मांगीलाल गोदारा ने बताया कि इस सम्बंध उचित निर्णय के लिए प्रशासन को दो दिन का समय दिया हुआ है। गुरुवार तक प्रशासन द्वारा सकारात्मक कार्रवाई नही की गई तो आगामी विरोध-प्रदर्शन की रणनीति तय की जाएगी। इस दौरान तोलाराम जाखड़, धन्नेङ्क्षसह, लक्ष्मण ङ्क्षसह, महेंद्र ङ्क्षसह, बंजरग ङ्क्षसह तंवर, मघाराम गोदारा, भंवरलाल शर्मा, मूलचंद शर्मा, श्रवण कूमार, रमणनाथ, राजू ङ्क्षसह, डूंगरराम, दानाराम, मणकरासर, नानुराम नैण, पूर्णाराम नैण व मदनलाल ङ्क्षबझासर आदि धरना स्थल पर मौजूद रहे।