बीकानेर : डिजिटल फिंगरप्रिंट से खोज निकाला 18 माह से लापता युवक

बीकानेर, घर वालों से नाराज होकर डेढ़ वर्ष से भी अधिक समय से घर से लापता हुए युवक को पुलिस ने 36 घंटे में ढूंढ निकाला। इस युवक की गुमशुदगी पुलिस के लिए पहेली बनी हुई थी। घर छोड़ने के बाद युवक ने मोबाइल और उसका नंबर ही नहीं, अपनी पहचान भी बदल ली थी। ऐसे में उसे खोज निकालना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती थी। आखिरकार एएसपी सिटी ने तीन दिन पहले युवक को खोज निकालने का टास्क ओपन सोर्स इंटेलीजेंस सेल को दिया। इस सेल ने युवक के घर वालों से बैंक खाते के बारे में पूछा, जिन्होंने खाता नंबर और दूसरी जरूरी जानकारियां दीं। खाते के फिंगर प्रिंट के आधार पर सेल ने खोजबीन की, तो लापता युवक का पता चल गया। बैंक खाता मुंबई में ऑपरेट हो रहा था और वहां सुरक्षा गार्ड की नौकरी कर रहा था।

सिक्योरिटी गार्ड बन रह रहा था मुंबई

युवक हरीराम हुड्डा शादीशुदा है। वह घर से 18 महीने पहले निकल गया था। यहां से जाने के बाद वह मुंबई में सिक्योरिटी गार्ड बन गया। ओपन सोर्स इंटेलीजेंस सेल ने युवक के मुंबई में होने की पुख्ता जानकारी प्राप्त करने के बाद नोखा सीआइ ईश्वरप्रसाद जांगिड़ व जांच अधिकारी एएसआइ शंभुसिंह को सूचित किया। इसके बाद पुलिस टीम मुंबई गई और युवक को मंगलवार देर रात नोखा लेकर पहुंची।

यूं मिली सफलता

पुलिस अधीक्षक योगेश यादव ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर अमित कुमार बुड़ानिया को गुमशुदा हरीराम हुड्डा की तलाश करने के लिए विशेष रूप से निर्देशित किया। एएसपी ने ओपन सोर्स इंटेलीजेंस सेल के प्रभारी उप निरीक्षक देवेन्द्र सोनी, कांस्टेबल सुरजीत, अमित कुमार, बजरंगलाल को टास्क दिया। पुलिस टीम ने 36 घंटे में गुमशुदा युवक के बारे में पूरी जांच-पड़ताल करके तकनीकी मदद से पता लगा किया कि युवक मुंबई में है। युवक ने बैंक में बचत खाता खुलवा रखा था। पुलिस ने उस बचत खाते के डिजिटल फिंगर प्रिंट लेकर युवक की तलाश में सफलता हासिल की।

यह है मामला

नोखा तहसील के बीरमसर का रहने वाला हरीराम पुत्र गोपालराम हुड्डा करीब 18 माह पहले से घर पर बिना बताए निकल गया। पिता गोपालराम ने 23 जून, 2022 को नोखा थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस ने काफी प्रयास किए, लेकिन युवक का कोई पता नहीं चला। युवक ने अपने सभी रिश्तेदारों-परिचितों से संपर्क तोड़ लिया। मोबाइल नंबर व अपनी आइडी तक का इस्तेमाल करना बंद कर दिया। ऐसे में पुलिस को उसे ढूंढ़ना किसी चुनौती से कम नहीं रहा।

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