बीकानेर : सिनेमा हॉल में लगी भीषण आग, फायर ब्रिगेड की गाड़ियों 2 घंटे करती रही मशक्कत, पढ़े खबर

बीकानेर, शहर के पुराने सिनेमा हॉल में सोमवार रात अचानक आग लग गई। आग इतनी जबर्दस्त थी कि हॉल के अंदर रखे फर्नीचर के साथ ही ऊपर लगा टीन शेड भी जलकर गिर गया। पिछले 22 साल से बंद इस सिनेमा हॉल के अंदर कबाड़ भरा पड़ा था, जिसमें आग लग गई और पूरे हॉल में फैल गई। शुक्र रहा कि इस हादसे में कोई घायल नहीं हुआ। दाऊजी रोड स्थित प्रकाश चित्र सिनेमा में रात करीब नौ बजे लोगों को आग का पता चला, तब तक आग पूरे परवान पर पहुंच चुकी थी। आसपास के लोगों ने हॉल के पास बनी दीवारों पर पहुंचकर आग बुझाने का प्रयास भी किया लेकिन अंदर रखे कबाड़ में आग बहुत उग्र रूप ले चुकी थी। कोतवाली पुलिस ने सूचना मिलने के साथ ही दमकल मौके पर बुलाई। मुरलीधर व्यास नगर और बीछवाल से दमकल गाड़ियों ने मौके पर पहुंचकर आग पर करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद काबू पाया। देर रात तक आग पूरी तरह से बुझ चुकी थी, कहीं-कहीं धुआं जरूर उठ रहा है लेकिन अब आग की लपटें खत्म हो गई है। इस हादसे में कोई घायल नहीं हुआ। दरअसल, हॉल के अंदर कोई रहता ही नहीं है। हॉल भी पिछले कई वर्षों से बंद पड़ा है। ऐसे में इसका उपयोग ही कबाड़ के रूप में हो रहा था। हॉल के एक तरफ तोड़फोड़ करके लोग अंदर जा रहे थे। कई बार यहां से सामान चोरी का भी पता चला। विवाद के चलते इस सिनेमा हॉल को कोई संभालने के लिए भी नहीं आता।

क्या था अंदर, जो जल गया

प्रकाश चित्र सिनेमा के अंदर रिसेप्शन का फर्नीचर था, इसके अलावा कैंटीन में भी कुछ फर्नीचर लगा हुआ था। हॉल के अंदर डेढ़ सौ से ज्यादा सीट्स थी। जिसमें फोम और लकड़ी के साथ जूट भी लगा हुआ था। इसी कारण आग बहुत तेज गति से फैलती चली गई। हॉल में बना सिनेमा की दीवार पूरी तरह जल चुकी है।

नया बना, तब से बंद

बीकानेर के चुनिंदा सिनेमा हॉल में एक प्रकाश चित्र को करीब 22-23 साल पहले तोड़कर नया बनाया गया था। इसके बाद से ही विवाद के चलते ये हॉल बंद हो गया। इसके बाद कभी वापस खुला ही नहीं। अब मोबाइल के युग में सिनेमा हॉल वैसे ही संकट में है। ऐसे में प्रकाश चित्र वापस शुरू ही नहीं हुआ।

ये अधिकारी पहुंचे मौके पर

आग लगने की सूचना मिलने के साथ ही एडिशनल एसपी अमित कुमार, निगम आयुक्त गोपालराम बिरदा , सीओ सिटी दीपचंद, थानाअधिकारी नवनीत सहित प्रशासनिक अधिकारियों घटनास्थल पर पहुंचे। मौके पर दमकल पहुंचाने के लिए भी अधिकारियों को मशक्कत करनी पड़ी।

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