बीकानेर। कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के तहत शुक्रवार को भारत बंद का बीकानेर में आंशिक असर ही रहा। बीकानेर शहर में जहां सुबह ग्यारह बजे तक बाजार कुछ बंद रहे लेकिन बार बजते-बजते सभी दुकानें खुलनी शुरू हो गई। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में अकेले लूणकरनसर में बंद का असर प्रभावी नजर आया, जबकि मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी के विधायक गिरधारी महिया के श्रीडूंगरगढ़ में ही बंद पूरी तरह बेअसर रहा।
बीकानेर शहर में भी बंद का असर अकेले केईएम रोड व स्टेशन रोड पर नजर आया। सुबह से दुकानें बंद रही, दस बजे तक इक्का-दुक्का दुकाने खुली लेकिन बाद में ज्यादा दबाव नहीं देखते हुए दुकानदारों ने शटर ऊपर करने शुरू कर दिए। ग्यारह बजे तक ही आधा केईएम रोड खुल चुका था जबकि बारह बजे तक तो इक्का दुक्का दुकानें ही बंद नजर आई। कमोबेश ऐसे ही हालात स्टेशन रोड पर नजर आये। जस्सूसर गेट, रानी बाजार, नत्थूसर गेट, जयनारायण व्यास कॉलोनी, मुक्ता प्रसाद नगर, गजनेर रोड़ सहित अधिकांश क्षेत्रों में बंद का कोई असर नजर नहीं आया।
श्रीडूंगरगढ़ में बेअसर
बीकानेर में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के खाते में एक ही सीट है श्रीडूंगरगढ़ की। किसान आंदोलन की प्रबल समर्थक यह पार्टी यहां भी दुकानें बंद नहीं करवा सकी। सुबह छह बजे से ही यहां मुख्य मार्ग का बाजार खुल जाता है, जो हर रोज की तरह शनिवार को भी खुला हुआ था।
लूणकरनसर में असर
उधर, लूणकरनसर में बंद का अच्छा प्रभाव देखने को मिला। बारह बजे तक भी मुख्य बाजार पूरी तरह बंद थे। सुबह सवेरे ही बंद समर्थकों ने सड़कों पर उतरकर बाजार बंद करवा दिए थे। मुख्य बाजार के अलावा अंदरुनी क्षेत्रों की दुकानों को भी बंद करवाया गया। स्थानीय दुकानदारों ने भी बंद को समर्थन दिया और अपने प्रतिष्ठान बंद रखे।
खाजूवाला में भी बंद प्रभावी
उधर, खाजूवाला में भी बंद प्रभावी नजर आया। क्षेत्र में मंडी को बंद करवाया गया। वहीं मुख्य बाजार, बस स्टेंड के आसपास का क्षेत्र भी पूरी तरह बंद रहा। दोपहर बारह बजे तक क्षेत्र में अधिकांश दुकानों पर शटर नीचे थे और ताले लटके नजर आये। खाजूवाला मंडी के व्यापारियों ने किसानों के समिार्न में एक ज्ञापन प्रशासन को सौंपा।ञ
नोखा में मिला जुला असर
बीकानेर के उप नगर नोखा में भी बंद का असर मिला जुआ रहा। मंडी सहित मुख्य मार्गों पर कहीं दुकानें बंद थी तो कहीं खुल गई थी। दोपहर ग्यारह बजे तक दुकानदार स्वयं खोलने से हिचकिचा रहे थे लेकिन बारह बजे बाद शटर खुलने शुरू हो गए। मुख्य बाजार में भी आधी दुकानें बंद थी तो आधी खुली नजर आई। कृषि उपज मंडी में बंद का असर नजर आया।
पूगल में बंद विफल
पूगल पंचायत समिति में भी बंद पूरी तरह बेअसर रहा। यहां कांग्रेस के प्रधान है, जो स्वयं कृषि बिलों के खिलाफ है लेकिन बाजार बंद करवाने में कांग्रेसजनों ने खास रुचि नहीं ली। क्षेत्र में मुख्य मार्ग पर सभी दुकानें खुली रही। अधिकांश दुकानदारों ने सुबह निर्धारित समय पर ही अपनी दुकानें खुली रखी।
पांचू में भी बंद का असर नहीं
पांचू क्षेत्र में बंद पूरी तरह विफल साबित हुआ। पांचू के मुख्य मार्ग पर स्थित बाजार की दुकानें हर रोज की तरह तय समय पर खुली। अंदरुनी क्षेत्र में भी दुकानें तय समय पर खुली। बंद करवाने में यहां के किसान नेताओं ने भी कोई खास रुचि नहीं ली।