बीकानेर। ऊर्जा, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ बी डी कल्ला ने कहा कि विद्या विनयशीलता प्रदान करती है अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाती है, गुणवान बनाती है।
डॉ कल्ला शुक्रवार को श्री जैन पब्लिक स्कूल में आयोजित भामाशाह सम्मान एवं समता प्रयोगशाला के लोकार्पण समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि विद्या का दान सबसे बड़ा दान है। अच्छी तालीम से ही विद्यार्थी जीवन में अपना लक्ष्य हासिल कर पाता है। उन्होंने कहा कि विद्या, शक्ति व धन का सदुपयोग करना चाहिए। बीकानेर के भामाशाहों ने अपने धन का सदुपयोग कर अनेक विकास कार्य करवाए हैं। उन्होंने कहा कि अभिभावक अपने बच्चे को जीवन में अपने से आगे तथा गुरु अपने शिष्य को अपने से आगे देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक धर्म में दान की महिमा स्थापित की गई है। सभी धर्मों में सद्भाव रहे इसके लिए हरसंभव प्रयास करें और आपसी भाईचारे को बनाए रखें।

डॉ कल्ला ने भामाशाहों का आह्वान किया कि वे बीकानेर में भारतीय प्रशासनिक सेवा तथा राजस्थान प्रशासनिक सेवा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग संस्थान खोलें, जिससे बीकानेर के युवा इन परीक्षाओं में उत्तीर्ण होकर जिले का नाम रोशन करें।

उन्होंने बताया कि बीकानेर के अनेक युवा न्यायाधीश बने हैं, साथ ही मेडिकल व इंजीनियरिंग में भी बड़ी संख्या में यहां के युवा उतीर्ण हो रहे हैं। आईएएस-आरएएस की कोचिंग की व्यवस्था होने से यहां के युवाओं को इसका लाभ मिलेगा। संस्था के अध्यक्ष विजय कुमार कोचर ने संस्था का परिचय देते हुए बताया कि इसकी शुरूआत 112 साल पहले की गई थी। उन्होंने श्री जैन पाठशाला सभा के तहत कराए जाने वाले कार्यों की जानकारी भी दी।

इस अवसर पर रिखबचंद जैन ने बताया कि गत दस वर्षों में विद्यालय में अनेक विकास कार्य हुए हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की मेहनत से ही संस्था सशक्त होती है। मूलचंद डागा ने कहा कि विद्यालय में और विकास कार्य करवाए जाएंगे। सुरेन्द्र बांठिया ने विद्यालय सभागार में विकास कार्य करवाने की बात कही।

कार्यक्रम का संचालन निहालचंद कोचर ने किया तथा संस्था सचिव नरेन्द्र कुमार ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर अतिथियों ने भामाशाहों का माल्यार्पण, श्रीफल, स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया। इस दौरान मेघावी मेहुल कोचर का सम्मान भी किया गया। इससे पहले डॉ कल्ला ने समता प्रयोगशाला (फिजिक्स लैब) का विधिवत लोकार्पण किया।
इस अवसर पर जयचंदलाल डागा, शांतिलाल सेठिया, चंपालाल सुराणा, लूणकरन छाजेड़, सुरेन्द्र भादाणी, वल्लभ कोचर, कन्हैयालाल बोथरा, मोहन सुराणा, प्राचार्य अशोक शर्मा, सीमा जैन, संध्या सक्सेना, सुमित कोचर सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।