बीकानेर। कृषि अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत उर्वरकों के दक्ष एवं संतुलित उपयोग (नैनो उर्वरको सहित) पर राष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें 42 प्रगतिशील किसानों एवं 38 विद्यार्थियों एवं विश्वविद्यालय कार्मिकों ने भाग लिया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि निदेशक अनुसंधान डॉ पीएस शेखावत ने देश के उत्पादन में हरित क्रान्ति के योगदान, उर्वरकों एवं रसायनों के अन्धाधुन्ध उपयोग के हानिकारक प्रभाव को विस्तार से बताते हुए वर्तमान परिस्थितियों में मृदा स्वास्थ्य का मानव स्वास्थ्य के पड़ने वाले प्रभाव पर प्रकाश डाला। कृषि में कृषि क्रियाओं का समय पर करने का महत्व कृषकों को बताया। क्षेत्रीय निदेशक अनुसंधान डॉ. शीशराम यादव ने मृदा उर्वरकों के सही स्त्रोत ,सही मात्रा, सही समय, सही स्थान एवं सही संयोजन के बारे में विस्तार से बताते हुए मृदा में जैविक पदार्थो के अपघटन के बारे में विस्तृत चर्चा की । डॉ. रणजीत सिंह सह आचार्य (मृदाविज्ञान) ने कार्यक्रम में नैनो उर्वरकों के महत्व के बारे में विस्तार से बताते हुए मृदा परीक्षण एवं मृदा स्वास्थ्य कार्ड के बारे में बताया। कार्यक्रम में डॉ. अमर सिंह, डॉ. नरेन्द्र सिंह , डॉ. रमेश बैरवा ,डॉ. सुशील खारिया, एवं डॉ. बी.एस. मीणा आदि उपस्थित रहे। संचालन डॉ. रणवीर यादव सहायक आचार्य (शस्य विज्ञान) ने किया।