बीकानेर । एशियाड सर्कस के कलाकार बीकानेर में धूम मचाने आ पहुंचे हैं। बच्चों और महिलाओं के मनोरंजन के लिए तो एशियाड सर्कस विशेष रूप से तैयारी के साथ आया है। दर्शक 6 जुलाई से मेडिकल कॉलेज ग्राउंड पर विशाल एयरकूल्ड हॉल में सर्कस के नए नए हैरतअंगेज खेल देखेंगे।
रोजाना 3 शो का ( दोपहर 1:00 बजे शाम 4:00 बजे और शाम को 7:30 बजे दर्शक ) फुल एयर कूल्ड हॉल में आनंद उठा सकेंगे। सर्कस का उद्घाटन दर्शक ही करेंगे।
सर्कस में 100 से अधिक स्टाफ- कलाकार शामिल है। आस्ट्रेलियाई तोते, एलसेशियन डॉग और हॉर्स के करतबों के अलावा आग के बीचों-बीच से निकलना हो या तीरों के ऊपर लेटना। अपने हास्य करतबों से लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाने वाला जोकर हो या हवा में झूलते हुए करतब दिखाने वाली कलाकार, दर्शक बारी बारी से सभी को अपने सामने करतब दिखाते पाएंगे।
एशियाड सर्कस के मैनेजर शिवबहादुर सिंह व अनिल खत्री ने पत्रकार वार्ता में बताया कि बीकानेर में एक बार फिर से एशियाड सर्कस लोगों के मनोरंजन के लिए आ गया है। पिछले कई साल से देश के कोने-कोने में घूमकर सर्कस अपनी धूम मचा चुका है। इस सर्कस की लोकप्रियता में दिनों-दिन इजाफा होता रहा है।
बच्चों के लिए जोकर विशेष रूप से प्रस्तुतियां देंगे । सर्कस में अफ्रीका के कलाकारों द्वारा दांतों तले अंगुलियां दबा देने वाली खास पेशकश सर्कस का आकर्षण है। बंगाल आसाम नेपाल के कलाकार ईटा बैलेंस रशियन रिंग डांस निशानेबाजी मौत के गोले में तीन बाइक हवाई झूला आदि अनेक करतब दिखाए जाएंगे
सर्कस के प्रति सरकार की बेरुखी
परिस्थितियों के अनुसार नीतियों में बदलाव कर सरकार इसको जीवित रखने में सहयोगी बन सकती है। ऐसा कहना है शिवबहादुर सिंह और अनिल खत्री का। उन्होंने बताया कि वे सरकार की बेरुखी से आहत हैं। सरकार इस हुनर पर कोई ध्यान नहीं दे रही है, जबकि वह जान जोखिम में डालकर अपना हुनर दिखाते हैं। सरकार के साथ-साथ जनता का सहयोग मिलता रहे तो मनोरंजन के माध्यम एवं कलाओं के संरक्षण में अग्रणीय ऐसी परंपरागत संस्थाओं को जीवित रखा जा सकता है।