राजस्थान में इस बार बारिश सामान्य से कम ही हुई है। हर महीने के अलग-अलग रिपोर्ट कार्ड देखें तो जुलाई और अगस्त में बारिश सामान्य से कम ही हुई है। सितम्बर के 12 दिन निकल गए और अब तक सामान्य से 31 फीसदी ज्यादा बारिश हो चुकी है। वर्तमान में जो परिस्थिति बनी हुई है और आगे की भविष्यवाणी से अंदाजा लगाएं तो इस साल सितम्बर का महीना सबसे ज्यादा बारिश वाला महीना हो सकता है। सितम्बर के महीने में जितनी औसत बरसात पूरे राज्य में अब तक हुई, उतनी बरसात पिछले साल 2020 में पूरे सितम्बर नहीं हुई। इस साल सितम्बर महीने में अब तक 83.3MM बारिश हो चुकी है, जो सामान्य (63.7) की तुलना में 31 फीसदी ज्यादा है। साल 2020 में पूरे सितम्बर महीने में 73.2MM ही बारिश हुई थी।

अब तक सामान्य बारिश

ओवरऑल मानसून की स्थिति देखें तो राजस्थान में अब तक हुई बारिश सामान्य है। पूरे राज्य में एक जून से 12 सितम्बर औसतन 392.5MM बारिश होती है। वर्तमान में इतनी ही बारिश हुई है। हालांकि पश्चिमी राजस्थान के कई जिलों में अब भी स्थिति खराब है। पश्चिमी राजस्थान में अब भी बारिश सामान्य से 7 फीसदी कम हुई है

सूखे पड़े 35 बांधों में आया पानी

मौसम विभाग की रिपोर्ट देखें तो इस साल 1 से 12 सितम्बर तक प्रदेश के लगभग हर जिले और शहर में बारिश हुई है। इसी का असर है कि 10 दिन के अंदर सूखे पड़े 35 बांधों में भी पानी आ गया है। 14 बांध ऐसे हैं, जो आंशिक तौर पर भरे थे। वह अब फुल हो गए हैं। इसमें बांसवाड़ा, उदयपुर, डूंगरपुर, चित्तौड़गढ़ के अधिकांश बांध शामिल हैं। बांसवाड़ा के माही बांध का जलस्तर 10%, सिरोही के भूटरी में 15%, ओरा टेंक 11%, दांता 5%, टोकरा 13% और कालीबोर 5% बढ़ गया है। इसी झालावाड़ का राजगढ़ डैम 54% भरा था। अब यह फुल हो गया है। चित्तौड़गढ़ के गंभीरी डैम में 8% से कम पानी था, जो बढ़कर अब 63% से ज्यादा हो गया। इसी तरह, ओराई बांध 53 फीसदी भरा था। अब 12 दिन की बारिश में 92% तक भर गया। बस्सी डैम 40 से 90% भर गया। बड़ी मानसरोवर में 15% पानी आया, जो सूखा पड़ा था। डूंगरपुर का मारगिया 43% भरा था। अब वह फुल हो गया। आंकरसोल का नाका बांध पहले 21% भरा था, वह 70% भर गया। प्रतापगढ़ का गागरी डैम 69% भरा था। वह 97% से ज्यादा भर गया। बोरिया और मैल डैम दोनों फुल हो गए, जो सितम्बर से पहले 83% भी भरे नहीं थे। राजसमंद का भराई बांध सूखा पड़ा था। अब उसमें 2% से ज्यादा पानी आया है। इसी तरह उदयपुर के भी कुछ बांधों का भी जलस्तर बढ़ा है

मानसून विदा होने में अभी करीब से सप्ताह का समय बाकी

राजस्थान में इस बार मानसून ने 18 जून को प्रदेश में एंट्री की है। मौसम वैज्ञानिक हिमांशु शर्मा की मानें तो पूरे राज्य से मानसून को विदा होने में अभी 3 से 4 सप्ताह का समय और लग सकता है। संभावना है कि अक्टूबर के पहले या दूसरे सप्ताह में मानसून प्रदेश से विदाई लेगा। जयपुर मौसम विभाग की ओर से जारी फोरकास्ट को देखें तो 15 से 20 सितम्बर के बीच प्रदेश में अच्छी बारिश हो सकती है। खासकर पूर्वी राजस्थान के अधिकांश जिलों और दक्षिण राजस्थान के कुछ जिलों में तो भारी बारिश की आशंका है। इसके पीछे कारण बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर सिस्टम डिप्रेशन सिस्टम में कन्वर्ट होना है। इस सिस्टम के असर के कारण 15 से 20 सितंबर के बीच पूर्वी और दक्षिणी राजस्थान के साथ-साथ पश्चिमी राजस्थान के कुछ भागों में मानसून के सक्रिय बने रहने के लिए परिस्थितियां बन गई हैं। उदयपुर संभाग व आसपास के जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश का दौर अगले चार-पांच दिन बने रहने की आशंका है।

चार जिलों की जनता के लिए उम्मीद की किरण

जयपुर, अजमेर, टोंक और पाली जिलों की जनता के लिए मानसून की यह परिस्थिति उम्मीद की एक किरण बन गई है। संभावना है कि उदयपुर, अजमेर और जोधपुर संभाग के कुछ जिलों में अच्छी बारिश होने से बीसलपुर और जवाई बांध व उनकी सहायक नदियों व बांधों में पानी की आवक अच्छी होगी। वर्तमान में इन दोनों ही बांधों में पानी का स्तर कम होने के कारण अगले साल के लिए इन चारों जिलों में पीने के पानी का संकट बना हुआ है। जवाई बांध में केवल सितम्बर महीने तक का ही पानी बचा है। सितम्बर में अगर अच्छी बरसात नहीं हुई तो वाटर ट्रेन चलानी पड़ेगी।