
कृषि शिक्षा दिवस के अवसर पर वर्चुअल संगोष्ठी आयोजित
बीकानेर। राष्ट्रीय कृषि शिक्षा दिवस के अवसर पर गुरुवार को स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण निदेशालय द्वारा ‘कृषि विद्यार्थियों के लिए कृषि क्षेत्र में अवसर’ विषय पर वर्चुअल संगोष्ठी आयोजित की गई।
इसे संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह ने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा देश के प्रथम राष्ट्रपति डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद की स्मृति में देशभर में 3 दिसम्बर को कृषि शिक्षा दिवस मनाया जाता है। वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर विश्वविद्यालय द्वारा इसे आॅनलाइन प्लेटफाॅर्म पर मनाया गया है। उन्होंने कहा कि कृषि विद्यार्थी और कृषि शिक्षा का देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। इस क्षेत्र से जुड़े विद्यार्थियों को पूर्ण मनोयोग के साथ शिक्षार्जन करना चाहिए, क्योंकि देश का कृषि भविष्य इनके कंधों पर टिका है। उन्होंने कहा कि कृषि वैज्ञानिकों के सतत प्रयासों में देश में उत्पादन बढ़ा है। साथ ही नई-नई तकनीकें भी आई हैं। इन तकनीकों को किसानों तक पहुंचाने में कृषि विद्यार्थियों को अपनी भूमिका निभानी होगी।
छात्र कल्याण निदेशक डाॅ. वीर सिंह ने बताया कि संगोष्ठी से विश्वविद्यालय एवं स्कूल स्तरीय कृषि विद्यार्थियों ने भागीदारी निभाई। इस दौरान उन्हें कृषि क्षेत्र में भविष्य की संभावनाओं के बारे में बताया गया। उन्होंने कहा कि आज युवाओं का झुकाव कृषि शिक्षा की ओर हो रहा है। यह सकारात्मक पहल है। कृषि हमारे देश की अर्थव्यवस्था का आधार है। युवा इससे जुड़ेंगे तो अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे।
डाॅ. अदिति माथुर ने निजी क्षेत्र में कृषि की संभावनाओं के बारे में बताया तथा युवा एंतरप्रेन्योर अमित तैलंग ने इस क्षेत्र में नवाचारों के बारे में जानकारी दी। आयोजन प्रभारी डाॅ. राजीव नारोलिया ने आभार जताया।