सीकर, प्रदेश में सरकारी भर्तियों से जुड़े विवाद लगातार बढ़ते जा रहे हैं। रीट के बाद अब पटवार भर्ती के परिणाम को लेकर प्रदेश के बेरोजगारों ने सवाल उठाए हैं। बेरोजगारों ने नॉर्मलाइजेशन के नाम पर चहेतों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाते हुए न्यायालय में भी याचिका दायर की है। शेखावाटी के बेरोजगारों का कहना है कि कर्मचारी चयन बोर्ड ने नॉर्मलाइजेशन के नाम पर चौथी पारी के अभ्यर्थियों के साथ 15 से 20 अंकों का नुकसान कर दिया है। इस वजह से वह नौकरी की दौड़ से बाहर हो गए हैं। इधर, कर्मचारी चयन बोर्ड ने इस मामले के लिए कमेटी का गठन किया है। बेरोजगारों की ओर से संशोधित परिणाम जारी करने की मांग उठाई जा रही है। दरअसल, 5610 पदों पर भर्ती के लिए हुई पटवार भर्ती परीक्षा में 10.41 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे। नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले में तीन पारी के अभ्यर्थियों के नंबर तो बढ़ गए, लेकिन चौथी पारी के अभ्यर्थियों को 15 से 20 अंकों का नुकसान हो गया। अभ्यर्थियों का आरोप है कि विज्ञप्ति में नॉर्मलाइजेशन से रिजल्ट का कोई जिक्र तक नहीं किया गया है। 23-24 अक्टूबर 2021 को परीक्षा चार चरणों में कराई गई थी। परीक्षा के लिए 15.62 लाख ने आवेदन किया था। बोर्ड ने पेपर की डिफिकल्टी लेवल को ध्यान में ही नहीं रखा और चारों शिफ्ट के बच्चों के औसत अंकों को माध्यम रख दिया गया। इस स्थिति में दूसरे दिन चौथी पारी में परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों के 15-20 अंक कम हुए और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में सबसे कम अभ्यर्थी चौथी पारी से सलेक्ट हुए हैं।