जोधपुर। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा शुक्रवार के दिन सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण लगेगा। वृषभ राशि और कृतिका नक्षत्र में लगने वाला चंद्र ग्रहण इससे पहले 8 फरवरी 1440 को लगा था। अगली बार ऐसा ही आंशिक चंद्रग्रहण 8 फरवरी 2669 को दिखाई देगा। आंशिक चंद्रग्रहण का पूरा प्रभाव शुक्रवार दोपहर 2.34 बजे दिखाई देगा, जब चंद्रमा का 97 फीसदी हिस्सा पृथ्वी की छाया से ढक जाएगा। साल 2021 का दूसरा और आखिरी चंद्रग्रहण भारत में सिर्फ पूर्वोत्तर हिस्सों में कुछ ही देर के लिए दिखाई देगा। सूर्यास्त होते समय ही इस चंद्रग्रहण को अरुणाचल प्रदेश और असम के कुछ क्षेत्रों में देखा जा सकेगा। भारत में दिखाई देने वाला अगला चंद्रग्रहण 8 नवंबर 2022 को होगा।
ज्योतिषियों के अनुसार इस ग्रहण का सबसे अधिक प्रभाव सूर्य और शुक्र ग्रह से संबंधित लोगों पर ही पड़ेगा। चंद्र ग्रहण वृषभ राशि में लगने के कारण वृष राशिवालों को सतर्क रहना होगा। ग्रहण के दौरान सूर्य देव वृश्चिक राशि में रहेंगे और शुक्र धनु राशि में रहेंगे।
तीन घंटे 28 मिनट लंबा ग्रहण
आंशिक चंद्रग्रहण 19 नवंबर के दिन दोपहर 12.48 बजे शुरू होगा और शाम 4.17 बजे समाप्त होगा। चंद्रग्रहण ग्रहण की अवधि 3 घंटे 28 मिनट 24 सेकंड होगी, जो 580 वर्षों में सबसे लंबा आंशिक चंद्रग्रहण होगा। आंशिक चंद्र ग्रहण पश्चिमी अफ्रीका, पश्चिमी यूरोप, उत्तरी और दक्षिणी अमरीका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया और अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा। ग्रहण का मोक्ष चंद्रोदय के समय ऑस्ट्रेलिया, इन्डोनेशिया, थाईलैंड, भारत के पूर्वोत्तर भाग, चीन और रूस में दिखाई देगा।