बीकानेर, 19 नवंबर। वरिष्ठ पत्रकार अशोक माथुर की स्मृति में 14 नवंबर को जयपुर के दुर्गापुरा में एक भावपूर्ण स्मृति सभा का आयोजन किया गया। इस सभा में पत्रकारिता, सामाजिक सरोकार और मानवीय संवेदनाओं से जुड़े माथुर जी के योगदान को श्रद्धांजलि दी गई। उनकी जीवन यात्रा को एक चित्र प्रदर्शनी के माध्यम से प्रस्तुत किया गया, जिसने उनके बहुआयामी व्यक्तित्व और कृतित्व को दर्शाया।
जीवन यात्रा पर प्रकाश
सभा की शुरुआत अदिति द्वारा अशोक माथुर के जीवन परिचय और उनके कार्यों पर प्रकाश डालने से हुई। उनकी पत्रकारिता से लेकर सामाजिक कार्यों तक की यात्रा को विस्तार से बताया गया। संचालन शलभ नेपालिया ने किया।
प्रबुद्धजनों की भावनाएं
- सवाई सिंह (समग्र सेवा संघ): माथुर जी की पत्रकारिता को स्वच्छता और नैतिकता का प्रतीक बताया।
- उपेंद्र सक्सेना (जलधारा अभियान): सामाजिक सरोकारों और जयपुर में उनकी भागीदारी को याद किया।
- कविता श्रीवास्तव (पीयूसीएल): माथुर जी के साथ नहर यात्रा और पाक विस्थापितों के संरक्षण जैसे कार्यों की चर्चा की।
- साबिर खान (रंगकर्मी): उनकी बोलने की शैली और व्यक्तित्व को अनुकरणीय बताया।
- योगेंद्र उपाध्याय (बोध शिक्षण संस्थान): छात्र संगठनों से जुड़े संस्मरण साझा किए।
महिला उत्थान और मानवाधिकार
ममता जेटली (विविधा फीचर्स): महिलाओं के उत्थान और मानवाधिकारों के लिए उनके योगदान को रेखांकित किया।
अन्य वक्ताओं की श्रद्धांजलि
प्रेस क्लब अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह राठौड़, सुनीता चतुर्वेदी, मयूर गांधी और अन्य वक्ताओं ने माथुर जी की निर्भीकता और सरलता को याद करते हुए उनके जीवन से जुड़े किस्से साझा किए।
सामाजिक और जनचेतना के कार्य
डीएस पालीवाल: पंजाब में जनचेतना को लेकर उनके प्रयासों पर प्रकाश डाला।
विशिष्ट हस्तियों की उपस्थिति
सभा में पूर्व मंत्री रघु शर्मा, धर्मेंद्र राठौड़, सुमित्रा चोपड़ा, नरेंद्र कुमार और कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने शिरकत की। राजस्थान हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश विनोद शंकर दवे ने पत्र के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित की।
परिवार और संस्थानों की भागीदारी
कार्यक्रम में अशोक माथुर के परिवारजनों के साथ विभिन्न गैर-सरकारी संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल हुए। अंत में, लोकमत की संपादक और माथुर की पुत्री अंकिता ने सभी को धन्यवाद दिया और आभार व्यक्त किया।