बीकानेर/श्रीगंगानगर। गांव महियांवाली स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में कक्षा छठी के छात्र लोकेश बैलान (12) की मौत को लेकर सवाल उठ रहे हैं। मृतक छात्र लोकेश के चाचा भूराराम ने आरोप लगाया है कि प्रधानाचार्य व स्टाफ की लापरवाही से बच्चे की मौत हुई है। 15 मार्च की सुबह बच्चे को उल्टी हो रही थी और तबीयत बिगड़ गई तब स्कूल प्रशासन ने दिन भर सूचना नहीं दी। लेकिन जब उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। तब रविवार रात्रि 10.22 बजे राजकीय जिला चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया। सोमवार को बच्चे की तबीयत ज्यादा बिगड़ जाने पर बच्चा वार्ड के डॉक्टर राजेश अरोड़ा ने हाई सेंटर रेफर कर दिया। बच्चे की तबयीत इतनी ज्यादा खराब थी कि वह शिव चौक स्थित पीएमजी अस्पताल में लेकर गए और तब बीच रास्ते में छात्र ने दोपहर 12 बजे के करीब दम तोड़ दिया।वहीं,मृतक छात्र लोकेश के चाचा भूराराम ने जवाहर नवोदय विद्यालय के इंचार्ज पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवाया है। पुलिस ने मर्ग दर्ज कर ली है तथा अब छात्र के शव को निकाल कर मेडिकल जांच करवाई जाएगी? परिजन बुधवार को इस संबंध में जिला कलक्टर से भी मिलेंगे। जबकि विद्यालय के प्राचार्य निधीश कुमार का कहना है कि विद्यालय स्तर पर कोई लापरवाही नहीं बरती गई है। छात्र की मौत कैसे हुई,यह तो अस्पताल प्रशासन ही बता सकता है। प्राचार्य निधीश कुमार के व्यवहार को लेकर हर कोई परेशान है। चाचा ने गोद ले रखा था लोकेश को गांव ततारसर निवासी भूराराम पुत्र गणपतराम मेघवाल ने बताया कि उसकी पत्नी के 15 वर्ष से कोई संतान नहीं हो रही थी। भाई ठाकर राम ने अपने बेटे लोकेश बैलान को बचपन से ही उसको गोद दे दिया। उसने बताया कि उसका एक ही बेटा गोद लिया हुआ था।
स्टाफ व प्राचार्य पर उठाए सवाल
मृतक के चाचा ने बताया कि 28 फरवरी 2020 को जवाहर नवोदय विद्यालय महियांवाली में लोकेश बैलान का कक्षा 6 में प्रवेश हुआ था। उसने आरोप लगाया कि शुरू से ही विद्यालय स्टाफ व प्राचार्य का व्यवहार सही नहीं था। बेटे का स्कूल में मन नहीं लग रहा था और स्कूल का खाना भी सही नहीं था। इस कारण उसे काफी दिक्कत हो रही था। उसके चाचा ने बताया कि उसकी छुट्टी लेने की कोशिश तो स्टाफ ने मना कर दिया। प्राचार्य पर आरोप लगाया कि उनका व्यवहार खराब है और छुट्टी के लिए गया तो फटकार लगा दी
सीडीइओ को मौके पर भेजा जिला प्रशासन ने विद्यालय में छात्र की तबीयत बिगडऩे से हुई मौत को गंभीरता से लिया है और मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी (सीडीइओ) हरचंद गोस्वामी को मौके पर भेज कर प्रारंभिक रिपोर्ट तलब की है। मंगलवार को सीडीइओ गोस्वामी व निदेशालय माध्यमिक शिक्षा बीकानेर संयुक्त निदेशक देवलता भी विद्यालय महियांवाली में पहुंचे और इस प्रकरण की प्रारंभिक रिपोर्ट प्राप्त की। टीम को प्राचार्य नहीं मिले। टीम ने स्कूल की उप-प्राचार्य से रिपोर्ट ली। गोस्वामी ने शाम को जिला कलक्टर प्रकरण की जानकारी दी है। जिला कलक्टर ने प्रकरण की जांच करने के आदेश दिए हैं।
चिकित्सा विभाग की टीम ने किया मुआयना महियांवाली के जवाहर नवोदय विद्यालय में अध्ययनरत छात्र लोकेश बैलान की मौत के मामले में मंगलवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय की टीम ने विद्यालय के विद्यार्थियों की स्क्रीनिंग की। सीएमएचओ डॉ. गिरधारीलाल मेहरड़ा ने बताया कि सोमवार को भी विभाग की टीम ने महियांवाली के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. श्याम सुंदर के निर्देशन में मौका देखा था। वहां से पानी का सैंपल लिया गया। विभागीय टीम ने खाद्य पदार्थों की भी जांच की। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम भी जांच कर रही है। छात्र की मौत गंभीर संक्रमण होने की जानकारी मिली है।
पर्याप्त उपचार की व्यवस्था नहीं चिकित्सालय प्रबंधन के अनुसार 15 मार्च की रात्रि 10.22 बजे छात्र लोकेश को राजकीय जिला चिकित्सालय में जवाहर नवोदय विद्यालय की नर्स व स्टाफ ने भर्ती करवाया। इसके बाद परिजन भी पहुंच गए। रात्रि ड्यूटी पर तैनात डॉ.पवन कुमार ने बच्चे की जांच कर उपचार किया। बच्चे को उल्टी हो रही थी। इस पर ड्रिप व इंजेक्शन दिया गया। 16 मार्च की सुबह छात्र की शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.राजेश अरोड़ा ने जांच की।
डब्लूबीसी 52 हजार तक पहुंची शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.जतिन नागल ने छात्र की जांच की। डॉक्टर नागल ने बताया कि बच्चे की तबीयत बिगड़ गई। एक बार बच्चे की न धडकऩ थी और ना सांस आ रही थी। उसके बाद काफी कोशिश की गई तब उसे सांस और धडकऩ वापस आ गई। लेकिन छात्र की तबीयत गंभीर थी और दीमाग में इंफ्ेक्शन की आशंका थी। छात्र की रात्रि को ही जांच करवाई गई तो डब्ल्यूबीसी 52 हजार आई। जबकि सामान्य तौर पर बच्चों में 10 हजार डब्ल्यूबीसी होती है। इस कारण छात्र में इंफेक्शन हो गया और सैफ्टीसीमिया होने की आशंका है।
क्यूं किया रैफर- छात्र के चाचा ने आरोप लगाया कि चिकित्सालय प्रबंधन ने कहा कि यहां पर बच्चों के लिए वेंटीलेंटर की कोई व्यवस्था नहीं है। इस कारण बच्चे को हाईसैंटर रैफर करना पड़ेगा। जबकि सच्चाई यह कि बच्चा वार्ड में कोई वेंटीलेटर चलाना ही नहीं जानता है। जबकि पीएमओ डॉ.केएस कामरा का कहना है कि वेंटीलेंटर की चिकित्सालय में व्यवस्था है।