जयपुर। राजस्थान में आगामी 31 अक्टूबर को सुबह से एम्बुलेंसों  के पहिए थम जाएंगे ! राजस्थान एम्बुलेंस कर्मचारी यूनियन ने अपनी मांगों को लेकर 31 अक्टूबर से एम्बुलेंस सेवा ठप करने की चेतावनी दी है. इंटीग्रेटेड एम्बुलेंस सेवा के तहत 108, 104 और बेस एम्बुलेंस सेवाएं शामिल हैं. उन्हें 31 अक्टूबर को सुबह 6 बजे से ठप (स्ह्लशश्च) करने की चेतावनी दी गई है.
सरकार की ओर से जारी नई निविदा का है विरोध
यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि हाल ही में राज्य सरकार की ओर से जारी नई निविदा में वर्तमान में सेवारत एम्बुलेंस कर्मचारियों के लिए कोई भी प्रावधान नहीं रखा गया है. ऐसे में एम्बुलेंस कर्मचारियों के बेरोजगार होने का अंदेशा खड़ा हो गया है. इंटीग्रेटेड एम्बुलेंस सेवा के लिए आरएएस स्तर का एक रिसीवर नियुक्त किया जाए ताकि कोई भी एम्बुलेंस सेवा प्रदाता कंपनी एम्बुलेंस कर्मचारियों का शोषण ना कर सके.
यह भी मांगें हैं यूनियन की
बकौल वीरन्द्र सिंह शेखावत नई निविदा में एम्बुलेंस कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने और प्रतिवर्ष 10 फीसदी वेतन वृद्धि का प्रावधान करने की भी मांग रखी गई है. शेखावत ने मांग करते हुए कहा कि जिस भी स्थान पर एम्बुलेंस रखी जाती है वहां कर्मचारियों के रहने कमरे, बाथरूम और मूलभूत सेवाएं मुहैया करवाई जाए.
पहले भी कई बार एम्बुलेंस हड़ताल की पीड़ा झेल चुके हैं प्रदेशवासी
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में जब-जब एम्बुलेंस कर्मचारी यूनियन ने हड़ताल की तब-तब मरीजों की जान पर बन आई है. प्रदेशभर में फैली ये एम्बुलेंस सेवाएं मेडिकल सर्विस की अहम कड़ी है. एम्बुलेंस की हड़ताल के कारण दूर दराज के लोगों को मरीजों को अस्पताल लाने के लिए साधन तक नहीं मिलते हैं. अगर मिलते भी हैं तो उनके मुंहमांगे किराए पीडि़तों की कमर तोड़कर रख देते हैं. वहीं दुर्घटना के मामलों में तो कई पीडि़त अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देते हैं.