बीकानेर। जिले के सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों की गृह कार्य की जांची गई कॉपियों का परीक्षण करवाया जाएगा। यदि कॉपियों में जांचने के स्तर में खामी पाई गई तो सम्बंधित शिक्षक के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला निष्पादन समिति की बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए सभी ब्लॉक ईओ अगले एक माह में स्कूलों में नियमित निरीक्षण के दौरान विद्यार्थियों के गृह कार्य की कोपियों की जांच करें और देखें कि बच्चों की कॉपियां कैसे जांची जा रही है। शिक्षक कॉपियों में गलती निकाल रहें हंै अथवा नहीं। यदि शिक्षकों द्वारा कॉपी जांच में त्रुटि या कोताही दिखाई गई तो संबंधित अध्यापक के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने कहा है कि शिक्षक पूरी पीढ़ी का भविष्य तैयार करते हैं, यदि विद्यार्थियों में शिक्षा की गुणवत्ता और ज्ञान नहीं होगा तो उनका भविष्य अंधकारमय हो सकता है, गौतम ने कहा कि बच्चे के भविष्य की नींव तैयार करना सबसे अहम जिम्मेदारी है, शिक्षा की गुणवत्ता का देश के भविष्य पर भी दूरगामी असर होता है इस कारण इस विषय पर गंभीरता से काम करने की जरूरत है।
पूर्ण हो चुके कार्यों की गुणवत्ता जांचे
जिला कलक्टर ने समसा तथा सर्व शिक्षा अभियान के तहत पूर्ण हो चुके कार्यों में गुणवत्ता की जांच करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जहां भी निर्माण कार्यों में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न हो रही है वहां संस्था प्रधान तथा निर्माण एंजेसी के बीच बैठक कर समन्वित प्रयासों से कार्य करवाया जाए ताकि विद्यार्थियों को इन निर्माण कार्यों का लाभ मिल सके। प्रिंसिपल एक्टिव बनें तथा स्कूलों में शौचालयों में साफ सफाई व्यवस्था भी चाक चैबंद रहे। गौतम ने कहा कि यदि उनके निरीक्षण के दौरान उन्हें किसी भी स्कूल में शौचालय बंद या खराब स्थिति में मिले तो संस्था प्रधान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिन भी स्कूलों में ग्रीन बोर्ड नहीं है वहां तुरंत प्रभाव से ग्रीन बोर्ड लगवाए जाना सुनिश्चित किया जाए, कमरों में प्रकाश व्यवस्था, पंखे, स्विच खराब होने जैसी कमियां भी दूर करें। यदि किसी भी स्कूल में फर्नीचर ताले में बंद मिला तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संस्था प्रधान और शिक्षक अपने स्कूल से अपनत्व रखें तभी सुधार संभव हो सकेगा। प्रत्येक ब्लॉक ईओ निरीक्षण के दौरान इंस्पेक्शन नोट तैयार करें तथा देखें कि निरीक्षण के पश्चात उस स्कूल की व्यवस्थाओं में क्या सुधार आया है ।
बच्चों के पोषाहार व दूध में ना हो मिलावट
जिला कलक्टर ने अन्नपूर्णा दूध योजना तथा पोषाहार की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी संस्था प्रधान यह सुनिश्चित करें कि बच्चों को सही गुणवत्ता का दूध और समुचित पोषाहार मिले। जहां से भी दूध खरीदा जाता है उसका पुख्ता बिल रखें और समय-समय पर जांच के लिए नियमित रूप से सैंपल भेजे जाएं। गौतम ने कहा कि यह देखा गया है कि जिले में स्कूलों में कहीं से भी आज तक खाद्य सामग्री , दूध आदि का कोई सैंपल फेल नहीं मिला है, यह गंभीर चिंता का विषय है, विभाग इसे गंभीरता से लें और कड़ी कार्रवाई करें।। गौतम ने कहा कि बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि कहीं भी मिलावटी सामान पाया जाए तो सम्बंधित के विरूद्ध आपराधिक धाराओं में एफआईआर दर्ज करवाएं।
एक विद्यार्थी- एक वृक्ष
गौतम ने कहा कि हरित पाठशाला के तहत प्रत्येक शिक्षक और विद्यार्थी द्वारा एक-एक पेड़ लगाया जाए। पेड़ लगाने वाला व्यक्ति पेड़ की देखभाल की जिम्मेदारी भी ले ताकि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बच्चों में सकारात्मक भाव विकसित हो तथा आबोहवा में भी सुधार हो सके।
जिला कलक्टर कैमरे से देखेंगे स्कूल की व्यवस्था
गौतम ने निर्देश दिए कि जिले की जिन भी स्कूलों में आईसीटी लैब काम कर रहे हैं, वहां वेब कैमरा लगाया जाए, जिनके माध्यम से जिला कलक्टर स्वयं स्कूलों से सम्पर्क कर वहां चल रहे शिक्षण व अन्य व्यवस्थाओं की जानकारी ले सकें। उन्होंने कहा कि एक माह में सभी ब्लॉक में कम से कम दस-दस उजियारी पंचायतें अनिवार्य रूप से बनाई जाएं। सभी बैठक में प्रशिक्षु आईएएस अभिषेक सुराणा, अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) ए एच गौरी सहित सम्बंधित अधिकारी उपस्थित थे।