पुष्कर. श्रावण माह के पहले सोमवार को शिवालयों में भक्तों ने भगवान शंकर की पूजा-अर्चना की। सभी लोगों ने अपने अपने तरीके से भोले नाथ को रिझाने का प्रयास किया। परन्तु भोले के एक भगत ने अनूठे अंदाज में भोले नाथ को प्रसन्न करने का तरीका अपनाया और पुष्कर के रेतीले धोरों में बालू मिट्टी से 108 शिवलिंग बनाकर सावन के पहले सोमवार को भगवान शिव का पूजन किया।

औघडदानी, भासमेश्वर, निराकारी, परम् वैष्णव, सहित विभिन्न नामो से पूजे जाने वाले भोलेनाथ के अनुपम दर्शन करने के लिए ग्रामीण एकत्र हुए। गनाहेड़ा के सैंड आर्टिस्ट अजय सिंह रावत ने पुष्कर के बालू मिट्टी के रेतीले धोरों में भगवान शिव के प्रति अपनी आस्था व्यक्त करते हुए 108 शिवलिंग का निर्माण किया तथा विधिवत रूप से उनका पूजन भी किया।


बालू मिट्टी से बने पार्थिव शिवलिंग का मंत्रोचार के साथ पूजन अभिषेक किया तथा प्रदेश में अच्छी वर्षा एवं सुख शांति की कामना की। वर्तमान में पूरे देश में भगवान शिव की आराधना का दौर शुरू हो गया है लेकिन शास्त्रों प्रमाणित प्रमाणित बात करें तो भगवान शिव की पूजन का भी विशेष महत्व है श्रीलंका में रावण से विजय पाने से पूर्व भगवान श्री रामचंद्र ने मिट्टी से बना कर शिवलिंग की स्थापना की थी जो रामेश्वर कहलाए उसके बाद ही रावण पर विजय प्राप्त की थी इसी प्रकार पार्थिव शिवलिंग की पूजा से सिद्धि प्राप्ति मनोकामना पूर्ति के कई प्रमाण आज भी मौजूद है।

अजय रावत ने कहा कि प्रदेश में खुशहाली पर्याप्त वर्षा की मनोकामना को लेकर पुष्कर के रेतीले धोरों में भगवान शिव के 108 शिवलिंग बनाए गए हैं। प्रभु सबको खुश रखेगे।