बीकानेर। जिले में भिक्षावृति व बाल श्रम आदि कारणों से शिक्षा से वंचित बच्चों को शिक्षा से जोडऩे और पुनर्वास के लिए हॉस्टल खोला जाएगा। इसके लिए जिला कलक्टर ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को निर्देश दिए कि हॉस्टल खोलने के लिए प्रस्ताव बना कर भेजें। इस कार्य में भामाशाहों तथा स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद ली जाए, ताकि ऐसे बच्चों के पुनर्वास के लिए प्रभावी कदम उठाए जा सके।

जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम गुरूवार को कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला स्तरीय सतर्कता समिति, आंतरिक सुरक्षा, महिला अविलम्ब सहायता, बाल कल्याण समिति सहित विभिन्न बैठकें ली। गौतम ने कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरणों में प्रभावी तथा समयबद्ध रूप से अनुसंधान हो। जाति के आधार पर अत्याचार के प्रकरणों में त्वरित कार्यवाही हो।

यह सुनिश्चित किया जाए कि घोड़ी पर नहीं बैठने देने, बाल कटिंग नहीं करने और सार्वजनिक स्थानों पर प्रवेश नहीं करने देनी घटनाएं न हो। यदि कोई ऐसे किसी प्रकरण में शिकायतकर्ता पुलिस के पास आता है तो उसकी शिकायत को गंभीरता से लेते हुए पुलिस त्वरित कार्यवाही कर प्रकरण दर्ज करें और जांच करें।गौतम ने महिलाओं को अविलम्ब राहत देने की समीक्षा करते हुए सखी वन स्टॉप सेंटर को पीबीएम अस्पताल के आस-पास कहीं अन्यत्र शिफ्ट करने के लिए प्रस्ताव भिजवाने को कहा।

जिला कलक्टर ने कहा कि पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज प्रकरणों की कॉपी 20 घंटे में जिला कल्याण समिति को भेजी जाए। सभी पुलिस थानों में चाइल्ड डेस्क, चाइल्ड हेल्पलाइन रजिस्टर आदि का संधारण हो।