बीकानेर। जुआरियों-सट्टोरियों के खिलाफ लगातार कार्यवाही की मुहिम मेें जुटी बीकानेर पुलिस पर क्रिकेट सट्टा जगत के बुकी भारी पड़ते दिख रहे है। हालांकि पिछले माह हुई जिला पुलिस की क्रॉईम मिटिंग में पुलिस अधीक्षक प्रदीप मोहन शर्मा ने आईपीएल सीजन में क्रिकेट सट्टेबाजी पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिये तमाम थानेदारों को सख्त लहजे में हिदायत दी थी,लेकिन आईपीएल सीजन शुरू होने के साथ ही बीकानेर में परवान चढे क्रिकेट सट्टेबाजी दौर को देखते हुए पुलिस अधीक्षक की सख्ताई बेअसर साबित हो रही है। सूत्रों के अनुसार शनिवार से शुरू हुए आईपीएल सीजन के अब तक हुए तीन मैचों में करोड़ो की सौदेबाजी हो चुकी है। इस का पुख्ता प्रमाणा है कि शाम को आईपीएल का मैच शुरू होने के साथ ही बुकियों की लाईनों से जुड़े मोबाईलों में भावों के उतार-चढाव और खाई-लगाई का आवाजे सुनाई देनी शुरू हो जाती है। जानकारी में रहे कि क्रिकेट सट्टेबाजी के मामले में बीकानेर एशियां की टॉप टेन शहरों में शामिल है और यहां नामी बुकियों के तार,दूबई,दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, जयपुर से जुड़े हुए हैं। बताया जाता है,आईपीएल सीजन में श्रीगंगानगर, चुरू, हनुमानगढ,नागौर तक की सौदेबाजी बीकानेर में हो रही है। जबकि बीकानेर के नामी बुकियों ने पुलिस कार्यवाही से बचने के लिये अपने ठिकाने दुसरे शहरो में बना रखे है और वहीं से छोटे सटोरियों के जरिये पंटरों को लाईने दे रखी है। पुख्ता खबर के मुताबिक बीकानेर में गंगाशहर,भीनासर और नोखा तो क्रिकेट सट्टेबाजी के प्रमुख ठिकाने है। सूत्रों के मुताबिक बीकानेर के क्रिकेट सट्टा कारोबार में जिले के कई नेता, व्यापारी गैंगवार से जुड़े बदमाश लिप्त है। शहर के कई नामी बुकियों के साथ कई बड़े नेता पार्टनर बने हुए है, पैसा भी बड़े व्यापारियों का लग रहा है। गैंगवार से जुड़े बदमाश भी इन्हीं के पैसों से बुक चला रहे हैं। पुलिस कार्यवाही से बचने के लिये बुकियों ने होटल और पॉश कॉलोनिायें में किराये के मकानों में अपने नए ठिकाने बना लिए हैं।
इतना ही नहीं क्रिकेट बुकी को तो अब टीवी तक की भी जरूरत नहीं होती है। बुकी को मोबाइल पर भाव मिलते हैं और भाव आगे लाइनों के जरिए बता देते हैं। पुलिस के पास इसकी पु ता जानकारी है कि सटोरियों के पास से बरामद हो रहे मोबाइल सूटकेस बीकानेर के नोखा से बन रहे हैं। इनमें ऐसा सिस्टम लगाया जाता है जहां एक मोबाइल को कनेक्ट करने के बाद जितनी भी लाइनें हैं उन सभी को भाव बता दिया जाता है। पीछे से जो भी भाव आते हैं वे सीधे सभी फंटर तक एक साथ पहुंचाए जा सकते हैं। छोटे से छोटा मोबाइल सूटकेस 5 लाइनों का होता है। जिसमें एक बुकी एक साथ पांच जगह सट्टा लगवा सकता है। जिले में ज्यादातर बुकी 16 से 32 लाइनें दे रहे हैं। कुछ बड़े बुकी 50 तक लाइनें भी एक साथ चला रहे हैं। जो बड़े बुकी हैं उनके पास मुंबई या हैदराबाद से सीधे लाइन आती हैं।