10 जनवरी से 5 जजों की बैंच करेगी सुनवाई
नई दिल्ली। अयोध्या मामले में सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ करेगी। 10 जनवरी को इस मामले में सुबह साढ़े दस बजे से सुनवाई शुरू होगी। अयोध्या केस के लिए संविधान पीठ का गठन कर दिया गया है।
इसमें चीफ जस्टिस सहित 5 जज होंगे। पीठ में सीजेआई रंजन गोगोई के साथ जस्टिस एस बोबड़े, जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस डीवाइ चंद्रचूड़, जस्टिस यूयू ललित शामिल हैं।
इससे पहले तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के साथ जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नजीर मामले को सुन रहे थे। सुप्रीम कोर्ट से मुस्लिम पक्षों को बड़ा झटका लगा था। कोर्ट ने 1994 के इस्माइल फारुकी के फैसले में पुनर्विचार के लिए मामले को संविधान पीठ भेजने से इंकार कर दिया था। मुस्लिम पक्षों ने नमाज के लिए मस्जिद को इस्लाम का जरूरी हिस्सा न बताने वाले इस्माइल फारुकी के फैसले पर पुनर्विचार की मांग की थी।
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 30 सितंबर, 2010 को अयोध्या टाइटल विवाद में फैसला दिया था। फैसले में कहा गया था कि विवादित लैंड को 3 बराबर हिस्सों में बांटा जाए। जिस जगह रामलला की मूर्ति है उसे रामलला विराजमान को दिया जाए। सीता रसोई और राम चबूतरा निर्मोही अखाड़े को दिया जाए जबकि बाकी का एक तिहाई लैंड सुन्नी वक्फ बोर्ड को दी जाए। इसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था।
अयोध्या की विवादित जमीन पर रामलला विराजमान और हिंदू महासभा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। वहीं दूसरी तरफ सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने भी सुप्रीम कोर्ट में हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अर्जी दाखिल कर दी थी।
इसके बाद इस मामले में कई और पक्षकारों ने याचिकाएं लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 9 मई 2011 को इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए मामले की सुनवाई करने की बात कही थी।
कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए थे। उसके बाद से ही यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।