शिक्षक नेता भंवर पुरोहित की चतुर्थ पुण्यतिथि, व्याख्यानमाला व श्रद्धांजलि सभा का आयोजन
बीकानेर। शिक्षक अपने ज्ञान से देश को सही दिशा दिखाता है। अपनी बात सटीकता से रखने के साथ अपने कर्तव्यों को पूरा करना शिक्षक का दायित्व है। शिक्षक नेता भंवर पुरोहित इसी सोच के परिचायक थे। यही कारण है कि आज हर वर्ग के दिलों में वे जिंदा है।
यह बात माध्यमिक शिक्षा निदेशक नथमल डिडेल ने आज शिक्षक नेता भंवर पुरोहित की चतुर्थ पुण्यतिथि पर सूरदासाणी बगीची में आयोजित श्रद्धांजलि सभा एवं व्याख्यानमाला में मुख्य अतिथि के रूप में कही।
शिक्षक संघ शेखावत के तत्वावधान में हुए इस कार्यक्रम में निदेशक ने कहा कि प्रदेश की शिक्षा में हो रहे नवाचारों आदि का सही आंकलन शिक्षकही कर सकता है, क्योंकि वह धरातल पर इन्हें चरितार्थ करता है। शिक्षकों को भी चाहिए कि वे पूरे समय स्कूल में रहें और पाठ्यक्रम को जल्द पूरा करवाएं।
मुख्य वक्ता शिक्षकसंघ शेखावत के प्रदेश महामंत्री उपेन्द्र मिश्रा ने शिक्षा एवं शिक्षक के महत्व पर प्रकाश डालते हुए शिक्षकनेता पुरोहित के संघर्षों को याद किया। उन्होंने शिक्षा के साथ राजनीतिक हस्तक्षेप को गंभीर बताया।
विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ कांग्रेस नेता जनार्दन कल्ला ने पुरोहित के साथ अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि शिक्षकों व कर्मचारियों की बात को बेबाक तरीके से रखना और जब तक समस्याओं का समाधान न हो, तब तक संघर्ष करना पुरोहित की विशेषता थी।
कार्यक्रम अध्यक्ष व संगठन जिलाध्यक्ष संजय पुरोहित, प्रदेश मंत्री श्रवण पुरोहित, केशराराम गोदारा, रेवंतराम गोदारा, किशनलाल पुरोहित, भंवर पोटलिया, रतीराम सारण, सुरेन्द्र भाटी, कैलाश वैष्णव, कानाराम मांझू आदि ने विचार रखे।
संषर्घ के साक्षियों का सम्मान
कार्यक्रम में भंवर पुरोहित के संघर्षों में साक्षी रहे केशराराम धायल, मोहम्मद सदीक, ओमप्रकाश शर्मा के साथ-साथ सुगनसिंह, विस्प्रीय आचार्य, सुरेश शर्मा, नटवर पुरोहित, घनश्याम स्वामी, सत्यनारायण व्यास, राजेश व्यास, सुरेन्द्र गर्ग, फोटो जर्नलिस्ट अजीज भुट्टा व मनीष पारीक, ओमप्रकाश पारीक, कर्मचारी नेता अनिवाश व्यास का सम्मान किया गया।