बीकानेर। मधुर कृाष्णि मंडल की ओर से समता नगर में चल रही भागवत कथा के चौथे दिन कथा वाचन करते हुए महाराज रजनीशानंद ने भगवान श्री कृष्ण की सभी लीलाओं तथा जीवन का सार श्रीमद् भगवत में बताया गया है।
उन्होंने बताया कि श्रीमद् भागवत का मनन और चिन्तन जीवन को नई दिशा एवं प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि जैसा चरित्र भक्त प्रहलाद का था यदि हमें भी वैसा ही चरित्र बनाना है तो अपने जीवन को निर्मल बनाना होगा और परिणामों को सरल बनाकर उनमें मधुरता लानी होगी तब कहीं जाकर हम नेक ओर सच्चे इंसान बनकर अपने जीवन को श्रेष्ठ बना सकेंगे।
महाराज ने कहा कि यदि हम एक कदम आगे चले तो प्रभु हमारे तीन कदम आगे चल कर आएंगे। भगवान भाव के भूखे हैं। सच्चे मन से जाप करने पर प्रभु कहीं भी मिल जाते हैं। इसमें संदेह नहीं। छोटे से बालक ध्रुव ने सौतेली मां सुरुचि के ललकार से उनकी मां सुनीति ने प्रभु की गोदी का स्मरण कराया। उनके गुरु नारद ने द्वादश रक्षा का मंत्र बताया।
इस मौके पर फूसराज गहलोत, नारायण, लालचंद भाटी, ओमप्रकाश, कपिल, अर्जुन, त्रिलोक गहलोत, विमला गहलोत, पूर्णदेवी, निर्मला तंवर, कलावती तंवर, पेमाराम सारण सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्वालुओं ने कथा श्रवण का आनंद उठाया। मंडल के नारायण चंद गहलोत ने बताया कि शुक्रवार को नंदोत्सव मनाया जायेगा।