चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए सच्चे-झूठे बहाने

सिंचित क्षेत्र के कनिष्ठ सहायक से मांगा स्पष्टीकरण

बीकानेर। आगामी माह में विधानसभा चुनाव 2018 होगा और जिला निर्वाचन कार्यालय इस संबंध में व्यापक तैयारियों में लगा है। मतदान कार्मिकों के प्रशिक्षण,कानून व्यवस्था संधारण सहित बहुत से कार्य संपादित करवाए जा रहे हैं। चुनाव प्रशिक्षण में नियुक्त मतदान कार्मिक चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए बहाने बनाते हुए मतदान कार्मिकों के प्रशिक्षण में अनुपस्थित रहे हैं,जबकि उन्हें लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धाराओं के बारे में जानकारी दी जा चुकी है। इसके बावजूद कार्मिक इसे हल्के में ले रहे हं। वे न केवल चुनाव प्रशिक्षण में अनुपस्थित रहे,बल्कि उन्होंने प्रशिक्षण में अनुपस्थित रहने की सूचना देना भी उचित नहीं समझा।

सच्चे-झूठे बहाने बनाकर निर्वाचन ड्यूटी न करने वालों के आवेदन जिला निर्वाचन कार्यालय में आ रहे हैं मुख्य अभियन्ता पश्चिम सिंचित क्षेत्र कार्यालय में कार्यरत कनिष्ठ सहायक द्वारा चुनाव प्रशिक्षण में अनुपस्थित रहने पर उन्हें नोटिस जारी कर अपना स्पष्टीकरण 14 नवम्बर को व्यक्तिश: उपस्थित होकर देने के निर्देश दिए गए है। जिला निर्चाचन अधिकारी ने कनिष्ठ सहायक को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 26 के तहत मतदान अधिकारी द्वितीय पर 16 अक्टूबर को नियुक्त किया गया था और उन्हें 29 अक्टूबर को राजकीय पोलिटेक्निक महाविद्यालय के कमरा नम्बर 11 में प्रशिक्षण लेना था,लेकिन वे बिना किसी सूचना के प्रशिक्षण में अनुपस्थित रहे और आजदिनांक तक अनुपस्थिति का कारण नहीं दिया। उनका यह कृत्य न केवल उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवेहना की श्रेणी में आता है बल्कि निर्वाचन कार्य के संबंध में गंभीर लापरवाही होने के कारण लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के प्रावधानों के उल्लंघन की भी श्रेणी में आता हैं।

जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि संबंधित कार्मिक ने चुनाव ड्यूटी निरस्त करने के लिए 5 नवम्बर को एक प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया है,परन्तु प्रशिक्षण में अनुपस्थिति का कोई भी कारण नहीं दिया। उन्होंने इस प्रार्थना पत्र में वृद्ध माता के खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए अपने को चुनाव ड्यूटी से मुक्त करने का निवेदन किया है। उन्होंने बताया कि प्रार्थना पत्र की जांच करवाने पर ज्ञात हुआ कि उन्होंने पिछले 6 माह में वृद्ध माता की देखभाल बीमारी के उपचार हेतु किसी प्रकार का अवकाश का उपभोग नहीं किया है जबकि प्रार्थना पत्र में चुनाव ड्यूटी करने में असक्षमता प्रकट की गई जो कि मिथ्या प्रतीत होती हैं । जिला निर्वाचन अधिकारी ने कार्मिक गोपाल प्रसाद को नोटिस जारी कर 14 नवम्बर को अपना जबाव व्यक्तिगत उपस्थित होकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है । उपस्थित नहीं होने की स्थिति में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 134 के अंतर्गत दंडात्मक कार्यवाही के साथ एक तरफा कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।

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