

devendravani @ बीकानेर // बीकानेर के राज परिवार में संपत्ति विवाद को लेकर शुक्रवार को नया उबाल आ गया। पुलिस ने प्रिंसेस राज्यश्री कुमारी को जूनागढ़ में मंदिर में दर्शन जाने के लिए रोक दिया। इस पर राज्यश्री कुमारी ने अपनी भतीजी व भाजपा विधायक प्रिंसेस सिद्धि कुमारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह जूनागढ़ उनकी पैतृक संपत्ति है और इसके मंदिरों में दर्शन करना उनकी पुरानी परंपरा रही है लेकिन सिद्धि कुमारी के इशारे पर पुलिस ने उन्हें गैर कानूनी तरीके से मंदिर में दर्शन जाने के लिए रोका है। बा व भतीजे की आपसी लड़ाई का यह विवाद करीब 2 घंटे तक लगातार चल लेकिन अंत में इसका कोई हल नहीं निकला पुलिस ने मौके पर दोनों पक्षों के वकीलों से भी चर्चा की दोनों वकीलों ने मौके पर ही अपने-अपने कागज लहराकर बहस भी की मगर अंत में राज्यश्री कुमारी को जूनागढ़ के मंदिरों के दर्शन नहीं करने दिए गए और वह बैरंग लौट गई।
यह है मामला
दरअसल बीकानेर राज परिवार में अब केवल प्रिंसेस के तौर पर बीकानेर पूर्व की सीट से भाजपा विधायक सिद्धि कुमारी है इसलिए वह पूरी संपत्ति पर ट्रस्टों पर अपना इकलौता व मालिकाना हक जाता रही है। उधर सिद्धि कुमारी की भुआ प्रिंसेस राज्य कुमारी भी अपनी पैतृक संपत्ति में दावा कर रही है। इस कारण दोनों के बीच लंबे समय से मनमुटाव है और मामला न्यायालय तक पहुंच चुका है। पिछले दिनों बीकानेर की एक अदालत ने इस आशय का एक स्थगन आदेश दिया जिसमें कहा गया कि सिद्धि कुमारी बीकानेर के जूनागढ़ व इससे जुड़ी किसी भी संपत्ति को ना तो हस्तांतरित कर सकेगी व न हीं खुर्द कर सकेगी और कोर्ट ने राज्यश्री कुमारी को जूनागढ़ से जुड़े ट्रस्टों का एडमिनिस्ट्रेटर भी माना। इस स्थगन आदेश को अपनी बड़ी जीत मानते हुए राज्यश्री कुमारी आज जूनागढ़ में पहुंची तथा उन्होंने गढ़ के अंदर अपने पूर्वजों के हाथों बनाए गए मंदिरों में दर्शन करने की इच्छा जताई मगर मौके पर मौजूद पुलिस व ट्रस्टियों ने उन्हें अंदर प्रवेश नहीं दिया।
दोनो पक्षों के वकीलों में हुई बहस
मौके पर मौजूद एक ट्रस्टी ने पुलिस को इतला देकर अवगत करा दिया कि यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है इसलिए राज्यश्री कुमारी यहां पर दर्शन नहीं कर सकती। ट्रस्टों की ओर से दी गई सूचना के आधार पर कोर्ट गेट थाने के थानाधिकारी विश्वजीत पुलिस बल सहित मौके पर पहुंचे। उन्होंने राज्यश्री कुमारी के साथ आए उनके अधिवक्ता कमल नारायण पुरोहित व सुरेंद्र पुरोहित से दस्तावेज मांगे। दोनों वकीलों ने थाना अधिकारी को कोर्ट के स्थगन आदेश की कॉपी भी दी तथा वसीयत के कॉपी भी दिखाई मगर वैसे संतुष्ट नहीं हुए। इस पर उन्होंने सिद्धि कुमारी के वकील को भी सूचना दी। थोड़ी देर बाद सिद्धि कुमारी के वकील एडवोकेट मनोज कुमार भी मौके पर आए और उन्होंने भी राज्य श्री कुमारी के गढ़ के मंदिरों में दर्शन करने को गैरकानूनी बताया तथा कहा कि मामला न्यायालय में चल रहा है इसलिए राज्यश्री कुमारी को जूनागढ़ में प्रवेश नहीं दिया जाना चाहिए। इस दौरान दोनों पक्षों के वकील में जोरदार बहस भी हुई मगर बहस बेनतीजा रहीम अंत मे राज्यश्री कुमारी व उनके वकीलों को बैरंग लौटना पड़ा। इस दौरान राज्यश्री कुमारी के साथ उनके पर्सनल सेक्रेटरी गोविंद सिंह सहित अधिवक्ता कमल नारायण पुरोहित व सुरेंद्र पुरोहित भी थे।
मुझे मेरे पैतृक घर में घुसने से पुलिस ने रोका- राज्यश्री कुमारी
आज पुलिस ने मुझे मेरे पैतृक निवास में जाने से रोका है यह सिद्धि कुमारी के इशारे पर हुआ है जबकि मैं खुद जूनागढ़ से जुड़े ट्रस्टों की एडमिनिस्ट्रेटर हूं न्यायालय ने मुझे स्थगन आदेश भी दिया है। फिर भी मुझे मंदिर में जाने से रोका है।







