बीकानेर। विद्युत विभाग के निजीकरण के फैसले के विरोध में बुधवार को विभाग के कर्मचारियों और विभिन्न संगठनों ने कार्य बहिष्कार कर विरोध प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने सद्बुद्धि के लिए यज्ञ का आयोजन भी किया। प्रदर्शन में कर्मचारियों ने सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए इसे जनविरोधी करार दिया।
कर्मचारियों का कहना है कि विद्युत विभाग घाटे में नहीं है, फिर भी सरकार इसे निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रही है। प्रदर्शनकारियों ने यह भी आरोप लगाया कि निजीकरण के पीछे कुछ अधिकारियों की साजिश है। उन्होंने विशेष रूप से आईएएस आरती डोगरा का नाम लेते हुए कहा कि जोधपुर विद्युत वितरण निगम में एमडी रहते हुए वह इस प्रक्रिया को बढ़ावा दे रही थीं और अब सीएमडी के रूप में भी इस निजीकरण में जुटी हैं।
“आरपार की लड़ाई को तैयार”
कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर समय रहते इस फैसले को वापस नहीं लिया गया, तो वे आरपार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि यह विरोध केवल विभाग को बचाने का नहीं, बल्कि प्रदेश की जनता और युवाओं के भविष्य की रक्षा के लिए है।
निजीकरण के दुष्प्रभाव
कर्मचारियों ने कहा कि विद्युत विभाग का निजीकरण जनता के लिए नुकसानदायक साबित होगा। इससे न केवल सरकारी नौकरियों का संकट पैदा होगा, बल्कि शिक्षा प्राप्त कर रहे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी समाप्त हो जाएंगे।
कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन को सरकार के लिए एक चेतावनी बताया और कहा कि सरकार ने समय रहते सकारात्मक निर्णय नहीं लिया, तो प्रदेश भर में बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा।