देवेन्द्र वाणी न्यूज़।
भगवान शिव की कृपा पाने के लिए प्रदोष व्रत फलदायी माना जाता है। हर माह की त्रयोदशी तिथि के दिन यह व्रत रखा जाता है। अक्तूबर महीने का पहला प्रदोष व्रत 11 अक्तूबर 2023 को रखा जाएगा। प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव की कृपा से वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है। प्रदोष व्रत का महत्व दिन के अनुसार अलग-अलग होता है। बुधवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ने से इसे बुध प्रदोष कहा जाएगा। वहीं अश्विन का महीना चल रहा है, अश्विन माह में देवी दुर्गा के संग शिव आराधना कई गुना फलदायी होती है। शास्त्रों में कहा गया है कि प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव की कृपा जल्दी ही प्राप्त होती है। साथ ही यह सभी प्रकार के कष्ट और पापों को भी नष्ट करता है। इसी कड़ी में आइए जानते हैं अश्विन माह के कृष्ण पक्ष के प्रदोष व्रत की तारीख, मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।
अश्विन बुध प्रदोष व्रत 2023 डेट
इस बार अश्विन माह के कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत 11 अक्तूबर 2023 के दिन रखा जाएगा। यह व्रत बुधवार के दिन पड़ रहा है इसलिए ये बुध प्रदोष व्रत कहलाएगा। ऐसी मान्यता है कि बुध प्रदोष व्रत करने वालों को शिव संग गणपति का भी आशीर्वाद मिलता है।
क्या है शुभ मुहूर्त
बुध प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त 11 अक्तूबर 2023 को शाम 05 बजकर 37 मिनट पर शुरू होगा। 12 अक्तूबर 2023 को शाम 07 बजकर 53 मिनट पर इसका समापन होगा। इस दौरान आप आराम से भगवान शिव की आराधना कर सकते है।
बुध प्रदोष 2023 व्रत और पूजा विधि
व्रत के दिन सबसे पहले सुबह स्नान करें। इस दौरान आपको केवल फल का ही सेवन करना है। शाम के समय शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की आराधना करें। इस दौरान पहले शिवलिंग का गंगाजल और गाय के दूध से स्नान कराएं। फिर उस पर चंदन, शहद, फूल, बेलपत्र, भांग, धतूरा, अक्षत्, फल आदि चढ़ाएं। फिर घी का दीप जलाएं। बाद में शिव चालीसा और बुध प्रदोष व्रत की कथा पढ़ें। इस दौरान अपने मन को शांत रखे।