जयपुर।जयपुर से भीलवाड़ा (वाया फागी) और सीकर से लुहारू वाया झुंझुनूं जाने पर अब लोगों को नकद टोल टैक्स नहीं देना पड़ा। राजस्थान में नेशनल हाइवे (NH) की तर्ज पर अब स्टेट हाइवे पर भी लोगों से ऑनलाइन टोल टैक्स वसूला जाएगा। ये टोल टैक्स फास्ट टैग के जरिए ही वसूला जाएगा।सार्वजनिक निर्माण विभाग के मंत्री भजन लाल जाटव ने आज इस प्रक्रिया को शुरू करने के निर्देश दिए। राजस्थान स्टेट रोड डवलपमेंट एंड कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (आरएसआरडीसी) के ऑफिस में आज 100 किलोवॉट के रूफटॉप सोलर पैनल के उद्घाटन समारोह पर मंत्री जाटव ने बताया कि सरकार लोगों को बेहतर सुविधाएं देने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेहतर सड़कों के लिए टैक्स जरूरी है। इसलिए टोल टैक्स भी जनता के लिए देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज गुजरात व एमपी में राजस्थान से अधिक टोल हैं, लेकिन फिर भी राजस्थान का रोड नेटवर्क उनसे कहीं ज्यादा बेहतर है। उन्होंने कहा कि हम लोगों की सुविधा और उनका समय बचाने के लिए नेशनल हाइवे की तर्ज पर स्टेट हाइवे पर भी फास्ट टैग सिस्टम शुरू करने जा रहे हैं। इसकी शुरुआत जयपुर और सीकर में बने हाइवे से होगी।
अगले महीने से शुरू करने की योजना
जयपुर से भीलवाड़ा (वाया फागी, मालपुरा) वाले स्टेट हाइवे और सीकर से लुहारू वाया झुंझुनूं हाइवे पर इलेक्ट्रॉनिक टोल सिस्टम लगाए जा रहे है, जहां से फास्ट टैग की तरह लोगों से टोल वसूला जाएगा। संभावना है कि अगले महीने फरवरी के अंत तक ऑनलाइन टोल वसूली शुरू हो जाएगी। इसके बाद 8 दूसरे हाइवे पर भी ऑनलाइन टोल वसूला जाएगा। इन पर सिस्टम लगाने के लिए टेण्डर कर दिए है। इसमें जोधपुर-ओसिया-फलौदी, मेड़ता-रास रोड, अलवर-बहरोड-नारनौल, जहाजपुर-मांडलगढ़, डबोक-मावली-कपासन, नसीराबाद-केकड़ी-देवली, डूंगरगढ़-सरदारशहर-राजगढ़ और हनुमानगढ़-सूरतगढ़ रोड शामिल है।
नहीं बनवाना पड़ेगा दूसरा कार्ड
आरएसआरडीसी के चीफ इंजीनीयर संदीप माथुर ने बताया कि इस सिस्टम के शुरू होने से लोगों को दूसरा फास्ट टैग कार्ड अलग से बनवाने की जरूरत नहीं है। जो वर्तमान में गाड़ियों पर कार्ड लगा है, उसी से पैसा कटेगा।
12 लाख रुपए की हर साल बचेगी बिजली
आरएसआरडीसी हैड क्वार्टर पर लगे सोलर प्लांट से हर साल 12 लाख रुपए की बिजली बचेगी। 100 किलोवॉट के इस सोलर सिस्टम में 184 सोलर पैनल लगे है। इसे लगाने पर 50 लाख रुपए का खर्चा आया है। आरएसआरडीसी हैड क्वार्टर पर हर साल 20.59 लाख रुपए का बिजली की खपत होती है। वहीं इस पैनल से हर साल 12 लाख रुपए की बिजली जनरेट होगी।