जोधपुर । सिलेंडर ब्लास्ट मामले में आज 6 लोगों की और मौत हो गई। हादसे में अब तक कुल 18 लोगों की जान जा चुकी है। मरने वालों में 9 बच्चे और 8 महिलाएं हैं। अब भी 36 झुलसे लोगों का इलाज महात्मा गांधी हॉस्पिटल में चल रहा है। इसमें 17 से ज्यादा मरीजों की हालत गंभीर बताई जा रही है।जानकारी के अनुसार शेरगढ़ के भूंगरा गांव में हुए सिलेंडर ब्लास्ट में 9 साल का लोकेंद्र सिंह 30 प्रतिशत तक झुलस गया था। इसके बाद से वह आईसीयू में एडमिट था। लोकेंद्र की इलाज के दौरान सोमवार सुबह पौने 4 बजे मौत हो गई। इसके 12 घंटे बाद शाम साढ़े 4 बजे लोकेंद्र की मां जस्सू कंवर ने भी दम तोड़ दिया।जस्सू 90 प्रतिशत तक झुलसी गई थी। वह आईसीयू में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही थी। वह दो दिन पहले दम तोड़ चुके सुरेंद्र की बहन थी। इधर, इलाज के दौरान गंवरी देवी (40) और 70 साल की जमना कंवर ने भी दम तोड़ दिया है। देर शाम किरण कंवर (40) और दूल्हे सुरेंद्र सिंह की मां धापू कंवर (40) की भी मौत हो गई।
पड़ाेसी महिला ने भी तोड़ा दम
हादसे में 70 साल की महिला जमना कंवर सगत सिंह की पड़ोसी थी। हादसे वाले दिन वह भी पाट बिठाई की रस्म में शामिल होने गई थी। जहां चौक में महिलाएं बैठी थीं, वहीं पर जमना कंवर मौजूद थी। इस हादसे में वह 60 प्रतिशत तक झुलस गई थी। बताया जा रहा है कि उनके पति भैरु सिंह की बीमारी के दौरान मौत हो चुकी है। इनके चार बेटे हैं और यह दूल्हे की पड़ोसी थी।
वेटिंग रूम में टेंशन
इस हादसे के बाद अस्पताल की बर्न यूनिट के वेटिंग रूम में लगातार टेंशन बनी हुई है। जो लोग झुलसे हैं और उपचार ले रहे हैं, उनके बेहतर स्वास्थ्य के लिए लगातार प्रार्थनाएं हो रही हैं। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि अब किसी की भी सांस न उखड़े। वहीं अस्पताल प्रशासन लगातार लोगों की जिंदगियां बचाने में जुटा हुआ हैं।अभी करीब 5 मरीज ऐसे हैं जो कि 60 प्रतिशत से ज्यादा जले हुए हैं, जिनको बचाने के लिए संघर्ष चल रहा है। यहां मरीज के परिजनों ने भास्कर से बातचीत में बताया कि वे उस मंजर को याद भी नहीं करना चाहते। जैसे ही वह दिन याद आता है, रूह तक कांप जाती है। कई दिनों से परिजन सो भी नहीं पाए है। पिछले पांच दिन से कई लोग अपने घर भी नहीं गए है।इस हादसे में सगत सिंह का पूरा परिवार झुलस गया। बड़े बेटे सांग सिंह को छोड़ सभी हॉस्पिटल में जिंदगी- मौत की जंग लड़ रहे हैं।
इलाज में जुटी टीम
अस्पताल अधीक्षक डॉ. राजश्री बोहरा ने बताया कि घटना के बाद से ही प्लास्टिक सर्जन रजनीश गालवा व अन्य डॉक्टरों की टीम जुटी हुई है। प्रत्येक वार्ड में डॉक्टर्स व नर्सेज अपनी जिम्मेदारी के साथ काम कर रहे हैं। 24 डॉक्टरों की टीम दिन-रात इलाज में में जुटी है। इनमें सीनियर और जूनियर सहित रेजिडेंट डॉक्टर भी शामिल हैं।
रविवार को मौत नहीं हुई तो राहत थी
गुरुवार को हुए हादसे में लगातार तीन दिन तक मौतें हुईं। शनिवार शाम तक 12 लोग इस हादसे में दम तोड़ चुके थे। रविवार को हादसे में किसी झुलसे व्यक्ति की जान नहीं गई तो लोगों ने राहत की सांस ली। सोमवार सुबह जब फिर से एक बच्चे की सांस टूटी तो लोग चिंता में आ गए थे। शाम होते-होते मौत 5 महिलाओं ने और दम तोड़ दिया।इस हादसे काे लेकर लगातार स्थानीय जनप्रतिनिधि फीडबैक ले रहे हैं। सोमवार को भी केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत हॉस्पिटल पहुंचे।
कई जनप्रतिनिधि ले चुके जायजा
हादसे के बारे में अब तक सीएम अशोक गहलोत, जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल सहित कई नेता जानकारी लेने पहुंच चुके हैं। इधर मृतक आश्रितों को सहायता के लिए कई सामाजिक संगठन भी आगे आए है। हादसे को लेकर शेरगढ़ विधायक मीना कंवर ने सभी दौरे निरस्त कर दिए हैं। केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत सोमवार सुबह फिर से अस्पताल पहुंच झुलसे लाेगों के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने हर संभव मदद का आश्वासन दिलाया।
एम्बुलेंस चालकों की भी पहल
इधर इस हादसे को लेकर जोधपुर एंबुलेंस चालक यूनियन भी आगे आया है। यूनियन की ओर से हादसे में डेड बॉडी को जोधपुर से उनके गांव तक पहुंचाने के लिए निशुल्क एंबुलेंस उपलब्ध करवाई जा रही है।इसके अलावा गंभीर रूप से घायल मरीजों को भी लाने ले जाने के लिए निशुल्क एंबुलेंस सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।भूंगरा गांव में विधायक शेरगढ़ मीना कंवर स्थानीय प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के साथ मौका निरीक्षण करते हुए।
एक दिन का वेतन पीड़ित परिवारों के लिए देने की अपील
विधायक पूरी प्रशासनिक टीम को लेकर मौके पर गई। इसमें एसडीएम से लेकर अन्य विभागों के अधिकारी भी साथ में थे। विधायक लगभग 2 घंटे तक भूंगरा गांव रुकी और पीड़ित परिवारों के परिजनों और आसपास के लोगों से बात भी की। इस दौरान विधायक ने अपने विधानसभा क्षेत्र के सभी सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों से 1 दिन का वेतन पीड़ित परिवारों के लिए आर्थिक सहायता के तौर पर देने की अपील की।