आयोजकों पर अपने रिश्तेदारों को आर्थिक लाभ पहुंचाने का लगा आरोप

बीकानेर। ललित कला अकादमी की ओर से बीकानेर में आयोजित मरु चित्रकार शिविर विवादों में घिर गई है। उद्घाटन समारोह के दौरान बीकानेर के स्थानीय कलाकारों ने इस प्रदर्शनी स्थल के बाहर सड़क पर अपनी प्रदर्शनी लगाकर गांधीवादी तरीके से विरोध किया। प्रदर्शनी का उद्घाटन करने पहुंचे कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने इन कलाकारों से मुलाकात की और उनकी प्रदर्शनी भी देखी। आरोप लगाया जा रहा है कि प्रदर्शनी के आयोजकों ने अपने रिश्तेदारों को आर्थिक लाभ पहुंचाने का काम किया है।

ललित कला अकादमी के आर्थिक सहयोग से होटल ढोला मारु में एक प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रदर्शनी के आयोजकों से नाराज डॉ. मोना सरदार डूडी, एस.के. नाथ, मुकेश जोशी साचीहर, धर्मा पेंटर, बरकत अली आदि ने प्रदर्शनी स्थल से बाहर अपनी प्रदर्शनी रखी। सड़क पर ही चित्रकारों ने अपनी पेंटिंग्स रखी। जिसे देखने के लिए काफी संख्या में लोग पहुंचे। मोना सरदार डूडी ने तो अपने शरीर पर ही कई तरह की पेंटिंग्स बनाई।

 

शिक्षा और कला संस्कृति मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला व ललित कला अकादमी के अध्यक्ष लक्ष्मण व्यास प्रदर्शनी का उद्घाटन करने पहुंचे तो इन कलाकारों ने विरोध प्रदर्शन किया। विरोध का पता चलने पर मंत्री डॉ. कल्ला उनके पास पहुंचे। पहले उनकी बात सुनी और बाद में सड़क पर लगी इस प्रदर्शनी का अवलोकन किया। कलाकारों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए इस मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया।

परिवार के लोगों को अवसर नहीं

विरोध कर रहे चित्रकार सन्नू हर्ष ने आरोप लगाया कि प्रदर्शनी में जिन कलाकारों को आर्थिक सहायता दी जा रही है, उनका चयन गलत तरीके से हुआ। जो आयोजक है उनके परिवार के लोगों को ही चुना गया। इससे मूल कलाकार को सरकारी व्यवस्था का लाभ नहीं मिल रहा, जबकि परिवार के आधार पर चयनित कलाकार का चयन हो गया। चयन का कोई आधार ही तय नहीं किया गया।

चित्रकारों का एक गुट बनाकर सरकारी पैसों की करते है बन्दर बांट

प्रदर्शन स्थल पर एक कलाकार ने बताया की बीकानेर में कुछ पुराने व नए कलाकारों का गुट बना रखा है जो आपस में मिलकर सरकारी विभागों के अधिकारियो से मिलीभगत कर विभाग जुड़े प्रोजेक्ट लेते है और प्रोजेक्ट के पैसों की आपस में बन्दर बाँट कर लेते है उसी तरह इस बार प्रदर्शनी में भी ललित कला अकादमी के एक अधिकारी से मिलीभगत से ये मरु चित्रकार शिविर किया जा रहा है जिससे सरकार के पेसो की बंदरबांट हो सके।